चंपावत (उत्तराखंड): पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश मां पूर्णागिरि धाम के दर्शन करने आए तीर्थ यात्रियों के लिए आफत बनी. हजारों श्रद्धालु बाटनागाड़ बरसाती नाले में भारी मलबा आने से फंस गए. जिसके बाद टनकपुर तहसील प्रशासन ने एसडीएम आकाश जोशी के नेतृत्व में अभियान चलाकर यात्रा मार्ग में फंसे 5 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को रेस्क्यू कर उनके गंतव्य को रवाना किया है. यात्रा मार्ग में फंसे तीर्थ यात्रियों की भोजन की व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा कराई गई. जबकि टनकपुर से पूर्णागिरि धाम जाने वाला मार्ग बाटनागाड़ बरसाती नाले के पास अभी भी बंद है.
भारी बारिश बनी आफत: पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश लोगों पर कहर बनकर टूट रही है. बारिश के कारण टनकपुर पूर्णागिरि यात्रा मार्ग पर बरसाती बाटनागाड़ नाला उफान पर है. बरसाती नाले में आए मलबे से यात्रा मार्ग में आवाजाही बाधित हो गई. जिससे हजारों तीर्थ यात्री मार्ग पर फंस गए. वहीं टनकपुर एसडीएम आकाश जोशी के नेतृत्व में एसडीआरएफ, पुलिस, फायर व राजस्व टीम द्वारा यात्रा मार्ग पर 5 हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू कर उनके गंतव्य को रवाना किया गया.
प्रशासन ने तीर्थ यात्रियों को किया रेस्क्यू: बरसाती नाले के उफान पर आने व सड़क मार्ग में भारी मलबा आने से पूर्णागिरि मार्ग और टनकपुर जौलजीबी मार्ग पूर्ण बाधित हो गया है. टनकपुर एसडीएम आकाश जोशी ने बताया कि पूर्णागिरी यात्रा मार्ग को खोलने के प्रयास प्रशासन द्वारा शुरू कर दिए गए हैं. यात्रा मार्ग के खुलने तक प्रशासन ने श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों से प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है.
15 जून को समाप्त हो गया था मेला: मानसून सीजन के चलते 15 जून को मेला समाप्त होने के बावजूद भी उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न इलाकों से तीर्थ यात्री मां पूर्णागिरि धाम के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं पहाड़ों में हो रही बारिश के बाद टनकपुर पूर्णागिरि मार्ग पर आने वाले बरसाती नालों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड पर है. जिससे स्थानीय लोगों व यात्रियों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े.