हापुड़। हापुड़ में पालिका एवं दाह संस्कार करने वाले लोगों की सतर्कता से एक बड़ा फर्जीवाड़ा होने से बच गया है। वहीं, आने वाले समय में नौकर की जान को भी खतरा पैदा होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। इस पूरे प्रकरण में कदम दर कदम फर्जीवाड़े का उपयोग किया गया है।
कमल सोमानी ने जिस तरह जीवित नौकर को मृत दर्शाकर उसके स्थान पर डमी का अंतिम संस्कार कर 50 लाख रुपये हड़पने की साजिश रची। इसके पीछे कई सवाल खड़े हो गए है। यदि पालिका कर्मचारियों और दाह संस्कार करने वाले लोग थोड़ा सा भी चूक जाते तो वह अपने मकसद में कामयाब हो गया था। जिस समय चिता पर डमी देखी तो वहां मौजूद लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया।
इसके बाद उसने अपने बचाव के लिए अस्पताल कर्मचारियों पर शव के बदले डमी देने का आरोप लगा दिया और विलाप करने लगा। मौके पर पहुंची पुलिस के सामने उसने अपने नौकर के बीमार होने और अस्पताल में उपचार के दौरान मौत होने की बात कही। इस दौरान उसने अस्पताल के दस्तावेज भी दिखाए। इसको देख पुलिस भी परेशान हो उठी।
इस बीच पुलिस ने जैसे ही उसकी कार की तलाशी ली तो उसके अंदर दो डमी और निकली, जिसके बाद पुलिस की जांच करने की दिशा ही बदल गई। उन्होंने दोनों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो पूरा प्रकरण खुलकर सामने आ गया।
दरअसल, कमल सोमानी गंगा घाट पर अंतिम संस्कार के दौरान मिलने वाले मृत्यू प्रमाण पत्र को हासिल करके उससे फर्जी तरीके से बीमा निकालना चाहता था, लेकिन उससे पूर्व ही उसका भंड़ाफोड़ हो गया। सूचना मिलने के बाद एसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली पहुंचे तथा पूरे प्रकरण में प्रत्येक बिंदु से जांच करने के निर्देश दिए।

