साल का पहला चंद्र ग्रहण

नई दिल्ली: ज्योतिष पंचांग के अनुसार, आज इस वर्ष का का पहला चंद्र ग्रहण लग गया है। यह चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण था, जिस वजह से इस साल भारत में सूतक काल मान्य नहीं हुआ है। बता दें धार्मिक व ज्योतिष दृष्टिकोण से इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

चंद्र ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र अशुभ माना जाता है। साथ ही इस दौरान सभी प्रकार के मांगलिक कार्य रोक दिए जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रहण का अशुभ प्रभाव इन कार्यों पर भी पड़ सकता है।ग्रहण के दौरान जातक को खरीदारी से बचना चाहिए। साथ ही इस दौरान खान-पान की चीजें नहीं बनानी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रहण का प्रभाव इन चीजों पर भी पड़ता है।

ग्रहण की अवधि में धार्मिक कार्यों को अशुभ माना जाता है। इस दौरान भगवान की मूर्ति का स्पर्श भी भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से देवी-देवता क्रोधित हो जाते हैं।ज्योतिष शास्त्र में यह भी बताया गया है कि ग्रहण के अवधि में व्यक्ति को नींद भी नहीं लेनी चाहिए। इसके साथ गर्भवती महिलाओं को इस दौरान घर से नहीं निकलना चाहिए।

ज्योतिष विद्वान बताते हैं कि चंद्र ग्रहण की अवधि में व्यक्ति को धार्मिक मंत्रों का जाप और भगवान का स्मरण जरूर करना चाहिए। उन्हें गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र जाप निश्चित रूप से करते रहना चाहिए।चंद्र ग्रहण के दौरन शिव चालीसा के पाठ को बहुत उपयोगी माना गया है। स्तोत्र का पाठ करने से ग्रहण का शुभ प्रभाव साधक पर नहीं पड़ता है

चंद्र ग्रहण के अवधी में व्यक्ति को खान-पान की चीजों में तुलसी या कोश दाल देना चाहिए ऐसा करने से ग्रहण का अशुभ प्रभाव इन चीजों पर नहीं पड़ता है।ग्रहण समाप्त होने के बाद व्यक्ति को स्नान अवश्य करना चाहिए और चावल, दूध, सफेद, मिठाई, दही इत्यादि का दान अवश्य करना चाहिए। इससे कई प्रकार के दोष से मुक्ति प्राप्त होती है।

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