देहरादूनः उत्तराखंड में एड्स युवा पीढ़ी को दीमक की तरह खोखला कर रहा है. हाल ही में कुमाऊं में एड्स के मरीज के आंकड़े सामने आने के बाद अब देहरादून के जिला अस्पताल की तस्वींर भी चौकाने वाली है, जहां एआरटी सेन्टर में 1600 से ज्यादा एड्स के मरीजों का इलाज ले रहा है, जिसमें सबसे अधिक जनसंख्या युवाओं का है.
एचआईवी पॉजिटिव होने से बचने का सिर्फ एक ही इलाज है और वो है जागरूकता, यह बात आपने कई बार सुनी होगी. लेकिन ताजा आंकड़ों को देख कर लगता है कि आज भी युवा इस बात को नहीं समझ पा रहा है. देहरादून के कोरोनेशन अस्पताल में आज की तारीख में 1619 एड्स से ग्रसित मरीजों का इलाज चल रहा है.
डॉक्टर्स बताते हैं कि एड्स के पेशेंट में बड़ा नम्बर यूथ का है, जो पिछले कुछ सालों से देखने को मिल रहा है. एड्स के बढ़ते मरीजों की संख्या के पीछे एक बड़ी वजह निकलकर सामने आई है, और यह वजह है नशे के लिए एक ही सुई का बार बार इस्तेमाल करना. वहीं एड्स मरीजों को लेकर काम कर रहे जानकार मानते हैं कि युवा पीढ़ी में किसी भी चीज की लत और पैरेन्ट्स से दूरी भी इसकी बड़ी वजह के दौर पर दिख रहा है.
एड्स छूने से नहीं फैलता लेकिन उसके बावजूद अगर इस बीमारी से लोग ग्रसित हो रहे हैं और अगर पिछले 25 सालों में अगर एक सरकारी अस्पताल में इतना बड़ा नम्बर दिख रहा है तो आप समझ सकते हैं कि तस्वींर कितनी डरावनी होंगी.