एम्स के प्रोफेसर समेत आठ के खिलाफ CBI ने दर्ज किया मुकदमा

ऋषिकेश:उपकरणों की खरीद में अनियमिता बरत एम्स ऋषिकेश को छह करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचाने संबंधी मामले में सीबीआई ने सात नामजद सहित एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आरोपियों में एम्स का एक प्रोफेसर भी शामिल है। बुधवार को सीबीआई ने आरोपियों के ठिकानों पर दबिश भी दी। ऋषिकेश में एम्स के प्रोफेसर समेत एक अन्य आरोपी के घर में भी दबिश दी गई।

बीते 31 मार्च को एम्स ऋषिकेश सीबीआई व एसीबी की टीम यहां पहुंची थी। यहां उन्होंने एम्स अधिकारियों के साथ उपकरण खरीद प्रकरण की जांच की। जांच में स्पष्ट हुआ कि उपकरणों की खरीद में साजिश की गई। उपकरण खरीद समिति के संयोजक डा. बलराम जी उमर ने लोक सेवक के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग कर खरीद एजेंसी को लाभ पहुंचाया। इस खरीद में एम्स ऋषिकेश को 6.57 करोड़ की हानि हुई।

वर्ष 2019-20 में एम्स में बड़ी संख्या में उपकरणों की खरीद फरोख्त की गई थी। आरोप था कि उपकरणों की खरीद ऐसी फर्म से की गई जो बोली प्रक्रिया में शामिल ही नहीं थी। फर्म से प्रति उपकरण रुपये 55,38312 की दर से सात उपकरण खरीदे गए। बाद में इसी कीमत पर पांच और उपकरण खरीदे गए। जबकि कुछ वर्ष पूर्व एम्स ने यही उपकरण 19,92,480 की दर से खरीदा था। इस तरह इस पूरी खरीद में एम्स को 6 करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचाया गया।

इनके खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज
1. डा. बलराम जी उमर, एडिशनल प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रो बॉयोलाजी,
2. आरोग्य इंटरनेशनल, कुमार हाउस सेंट्रल मार्केट, प्रशांत विहार नई दिल्ली।
3. विश्ववीर वर्मा, पितांपुरा, नई दिल्ली।
4. सुमन वर्मा, पितांपुरा, नई दिल्ली।
5. रिया एजेंसीज, ट्रांसपोर्ट नगर, जोधपुर।
6. निखिल कुमार, एमपी कोठी, महादेव रोड न्यू दिल्ली।
7. आदित्य कुमार, जगसारा, हरदोई उत्तर प्रदेश।
निखिल के खिलाफ पूर्व में भी है मुकदमा दर्ज
बिहार सरकार के पूर्व पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद के बेटा निखिल भी खरीद प्रकरण में आरोपी है। निखिल के खिलाफ कोतवाली ऋषिकेश भी पूर्व में भी मुकदमा दर्ज है।

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