काशी में गंगा तट पर उतरेगा देवलोक

वाराणसी :कार्तिक पूर्णिमा की शाम आसमान से गंगा के तट पर देवलोक उतरेगा। देव दीपावली पर इस बार काशी से ”सभी सनातनी एक जाति एक पंथ” का संदेश पूरी दुनिया को जाएगा। दुनिया के 70 देशों के राजदूतों के सामने 84 घाटों पर होने वाले आयोजनों के जरिये एक भारत श्रेष्ठ भारत, आत्मनिर्भर भारत और सशक्त भारत का स्वरूप प्रदर्शित होगा।

बनारस के गंगा घाटों पर होने वाली देव दीपावली इस बार कई मायने में बेहद खास है। सात समंदर पार तक ख्याति प्राप्त कर चुकी देव दीपावली के जरिये दुनिया की सबसे प्राचीन नगरी काशी सनातन धर्म के साथ ही वसुधैव कुटंबकम का भी संदेश देगी। दुनिया के 70 देशों के 150 डेलीगेट्स देव दीपावली का वैभव देखेंगे। रंगोली व दीपों से अर्धचंद्राकार घाटों पर कहीं रामदरबार सजेगा तो कहीं गुरुनानक, बुद्ध और महावीर के संदेश दिया जाएगा।

रामघाट व गायघाट पर सजने वाली देव दीपावली छत्रपति शिवाजी महाराज को समर्पित होगी। बूंदी परकोटा घाट की देव-दीपावली भगवान बुद्ध को समर्पित रहेगी। जैन घाट की देव दीपावली भगवान महावीर स्वामी को समर्पित होगी।

इसके अलावा पंचगंगा पर संत कबीर तो रविदास व राजघाट संत रविदास की भक्ति धारा का संदेश भी गंगा के तट पर प्रवाहमान होगा। रंगोली के जरिये घाटों को नशामुक्त करने की अपील की जाएगी। रविवार को गंगा के घाटों पर देव दीपावली की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया।

देव दीपावली में इस बार काशी के घाटों पर भगवान शिव के आराध्य भगवान राम का दरबार सजेगा। दशाश्वमेध घाट, पंचगंगा, दुर्गाघाट, अस्सी और सिंधिया घाट पर रामलला का दरबार रंगोली व दीयों से सजाया जाएगा। अयोध्या में रामलला के विराजने से पहले काशी राममय होगी।

रामलला के नाम पर दशाश्वमेध घाट पर देव दीपावली महोत्सव में होने वाली महाआरती में 21 हजार दीप जलेंगे। भारत के अमर वीर योद्धाओं को भगीरथ शौर्य सम्मान से सम्मानित भी किया जाता है। शहीद परिवार जनों को सहायतार्थ धनराशि एक लाख की राशि प्रदान की जाएगी।

देव दीपावली पर मां गंगा की महाआरती में नारी शक्ति की झलक नजर आएगी। रामलला के विराजने से पहले 51 देव कन्याएं आरती उतार कर विश्वप्रसिद्ध देव दीपावली महोत्सव की शुरुआत करेंगी।

दशाश्वमेध घाट पर अमर जवान ज्योति की प्रतिकृति तैयार कराई जा रही है। 39 जीटीस., एयर ऑफिसर कमॉडिंग, 4 वायु सेना प्रवरण बोर्ड, 95 बटालियन, सीआरपीएफ, 11वीं वाहिनी, एनडीआरएफ और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रिथ लेइंग करेंगे। 39 जीटीसी के जवान लास्ट पोस्ट व गार्ड ऑफ ऑनर भी देंगे।

प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति की ओर से मां गंगा की आरती में 108 किलोग्राम की अष्टधातु की मां गंगा की प्रतिमा के दर्शन होंगे। आरती का नेतृत्व 42 कन्याएं करेंगी। गंगोत्री सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष पं किशोरी रमण दुबे और सचिव पंडित दिनेश शंकर दुबे ने बताया कि आरती के दौरान 108 डमरू वादक उद्घोष करेंगे। आरती के बाद सांस्कृतिक आयोजन भी होंगे।

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