नई दिल्लीः सरकारी महकमे में काम करने वाले देवेंद्र बत्रा (बदला हुआ नाम). 35 साल से सरकारी नौकरी में हैं. पे-स्केल में अपने शिखर पर हैं. उनकी बेसिक सैलरी ₹1,51,100 है. वह अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग कर रहे हैं, और मन में एक ही सवाल है- जब आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) आएगा, तो मेरी सैलरी में कितना इजाफा होगा. वो लेवल-8 के केंद्रीय कर्मचारी हैं. ग्रेड-पे (4800) के हिसाब से सैलरी मिलती है.
यह कहानी सिर्फ बत्रा जी की नहीं, बल्कि उनके जैसे हजारों सीनियर अधिकारियों की है जो देश की प्रशासनिक मशीनरी की रीढ़ हैं. तो चलिए, आज देवेंद्र बत्रा की सैलरी स्लिप के जरिए पता लगाने की कोशिश करते हैं कि 8वें वेतन आयोग के पिटारे से उनके लिए क्या खुशखबरी निकलकर आ सकती है.
किसी भी वेतन आयोग की आत्मा उसका ‘फिटमेंट फैक्टर’ (Fitment Factor) होता है. यह एक ऐसा जादुई नंबर है, जिससे आपकी मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई बेसिक सैलरी तय की जाती है. हम अपनी पूरी कैलकुलेशन एक अनुमानित 1.92 गुना फिटमेंट फैक्टर को आधार मानकर करेंगे.अब उस कैलकुलेशन को देखते हैं जिसका सबको इंतजार है. यह कैलकुलेशन लेवल-8 (ग्रेड पे 4800) पर एक ऐसे अधिकारी की है जो अपने पे-बैंड की अधिकतम बेसिक सैलरी (₹1,51,100) पर हैं.
सबसे बड़ा बदलाव बेसिक सैलरी में है, जो ₹1.51 लाख से बढ़कर सीधे ₹2.90 लाख हो रही है. यह लगभग 92% का उछाल है.55% (फिलहाल) DA बेसिक में जुड़ जाएगा, इसलिए नई सैलरी में यह शून्य दिखेगा. हालांकि, ये मौजूदा स्ट्रक्चर के हिसाब से है. नए वेतन आयोग के लागू होने तक DA 61% हो सकता है.भले ही HRA की दर 30% से घटकर 24% हो जाए, लेकिन बढ़ी हुई बेसिक सैलरी के कारण HRA की रकम ₹45,330 से बढ़कर ₹69,627 हो जाएगी.सभी कटौतियों के बाद, नेट सैलरी ₹2,10,438 से बढ़कर ₹2,58,666 हो जाएगी. यह हर महीने ₹48,228 की सीधी बढ़ोतरी है.
8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) सिर्फ एक सैलरी बढ़ाने वाला फॉर्मूला नहीं है. यह उन हजारों सीनियर अधिकारियों के लिए ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ की तरह है, जिन्होंने अपनी जिंदगी का सबसे कीमती समय देश की सेवा में लगा दिया. बेसिक सैलरी का लगभग दोगुना होना और नेट सैलरी का ₹2.5 लाख के मनोवैज्ञानिक आंकड़े को पार कर जाना, यह सिर्फ कुछ नंबर नहीं हैं.
यह इस बात का सबूत है कि सालों की मेहनत और अनुभव का फल कितना मीठा होता है. यह उन अधिकारियों को एक ऐसा वित्तीय आत्मविश्वास देगा, जिससे वे अपने रिटायरमेंट के बाद भी एक सम्मानजनक और चिंता मुक्त जीवन जी सकेंगे. यह सिर्फ एक वेतन वृद्धि नहीं, बल्कि दशकों के समर्पण का सम्मान है.