सुरंग में रेस्क्यू का फाइनल फेज

उत्तरकाशी:सीएम धामी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फोन कर सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फँसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने हेतु चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली. इस अवसर पर प्रधानमंत्री को केंद्रीय एजेंसियों, अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों एवं प्रदेश प्रशासन के परस्पर समन्वय से युद्ध स्तर पर संचालित राहत एवं बचाव कार्यों में हो रही प्रगति से अवगत कराया. प्रधानमंत्री को मौक़े पर श्रमिकों के उपचार व देखभाल हेतु चिकित्सकों की टीम, एम्बुलेंस, हेली सेवा एवं अस्थायी हॉस्पिटल की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने एवं किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में AIIMS ऋषिकेश में चिकित्सकों को तैयार रहने के निर्देश दिये जाने की जानकारी भी दी. प्रधानमंत्री को श्रमिक बंधुओं एवं उनके परिजनों से हो रही निरंतर बातचीत व उनकी कुशलता से अवगत कराया एवं स्वयं के भी उत्तरकाशी में रहकर बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग करने की भी जानकारी दी.

NDRF के DG अतुल करवाल ने बताया, “NDRF उन सभी स्थितियों के लिए तैयार है जो हमारे सामने आ सकती हैं. हमने विशेष उपकरण भी तैयार किए हैं ताकि जैसे ही रास्ता खुलता है हम उन्हें(श्रमिकों को) जल्द से जल्द बाहर निकाल पाएं. आशा है कि हम जल्द ही श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल पाएंगे.”केंद्रीय मंत्री जनरल वीक सिंह और सीएम पुष्कर सिंह धामी सिल्क्यारा पहुंचे. उत्तरकाशी पहुंचने के बाद सीएम ने मीडिया से बात की. उनिहोंने कहा कि मेरी प्रार्थना है कि सभी सुरक्षित बाहर आएं. बचाव का काम पूरा होने वाला है.

घटना स्थल पर दिल्ली से वेल्डिंग विशेषज्ञ पहुंचे. वेल्डर राधे रमन दुबे ने कहा कि, “हम यहां सुरंग के अंदर एमएस पाइप को वेल्ड करने के लिए आए हैं. इसके लिए पांच वेल्डर यहां आए हैं… हम वेल्डिंग मशीनों की मदद से यह काम करेंगे.”उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान पर DM अभिषेक रूहेला ने बताया, “सभी मशीनें काम कर रही हैं… हम अधिकांश दूरी पूरी कर चुके हैं, थोड़ा काम बचा है. अभी किसी के लिए ये बताना संभव नहीं है कि कार्य पूर्ण होने में कितना समय लगेगा. कई बार नई समस्या आ जाती है. कार्य तेजी से चल रहा है. सभी के साथ सही से समन्वय बना कर कार्य हो रहा है. कार्य पर भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों लगातार नजर रख रहे हैं. भारत सरकार से पूरा सहयोग मिल रहा है.”

उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान पर DM अभिषेक रूहेला ने बताया, “अभी जो बचाव कार्य चल रहा है उसमें कुछ चुनौतियां आ रही हैं. उससे निजात पाने के लिए कुछ विशेषज्ञों को बुलाया गया है. उनके सलाह के आधार पर बचाव कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है. काम करने वाले लोगों की सुरक्षा भी आवश्यक है.अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ, अर्नोल्ड डिक्स सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे. अर्नोल्ड डिक्स ने बताया, “इस समय, ऐसा लगता है जैसे हम सामने के दरवाजे पर हैं और हम उस पर दस्तक दे रहे हैं. हम जानते हैं कि लोग दूसरी तरफ हैं. मैं देखने जा रहा हूं और देखूंगा कि क्या हो रहा है… .”

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में ध्वस्त सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के रिश्तेदारों ने उम्मीद जताई कि सभी 41 श्रमिकों को बचाने का प्रयास आज समाप्त हो जाएगा. “उम्मीद है कि वे आज बाहर आ जाएंगे. हम अपनी दिवाली, छठ तभी मनाएंगे जब उन्हें सुरक्षित बचा लिया जाएगा.”जनरल वीके सिंह चिन्याली सौड़ पहुँच रहे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के साथ सिल्क्यारा जाएंगे.रेस्क्यू ऑपरेशन जायज़ा का लेंगे.वेल्डिंग विशेषज्ञों को दिल्ली से सिल्कयारा सुरंग पर बुलाया गया है, जहां फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है.

800 एमएम के पाइप को भीतर डालते वक्त सामने आए लोहे की रॉड आने की वजह से पाइप थोड़ा श्रिंक कर गया है. इसके चलते उसे आगे बढ़ाने में समस्या आ रही है. इसके लिए एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई है, जो पाइप के शेप को दुरुस्त करके उसे दोबारा अंदर डालने का काम करेगी.सूत्रों के अनुसार जिस पाइप को अंदर भेजा जा रहा था उसके आगे का हिस्सा लोहे की सरिया से टकराकर मुड़ गया था लिहाजा अब उस आगे के हिस्से को गैस कटर से काटकर अलग किया जा रहा है. बाद में उस हिस्से को छोटी-छोटी टुकड़ों में काट कर पाइप से वापस निकाला जाएगा. इसके चलते पाइप को अंदर भेजने की प्रक्रिया फिलहाल के लिए रुकी हुई है..

टनल में ड्रिलिंग का काम फिर रूका. मशीन में आई ख़राबी की वजह से काम फिर से बाधित हुआ.मशीन को ठीक करने के लिये कुछ एक्सपर्ट बुलाये गये हैउत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रूहेला घटनास्थल पर पहुंचे, जहां 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद फंसे हुए 41 श्रमिकों को बचाने के लिए बचाव अभियान जारी है.ताज़ा जानकारी के मुताबिक मुमकिन है कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने में अभी कम से कम 3 से 4 घंटे का वक़्त अभी और लगे. फंसे हुये मज़दूरों को निकालने के लिये जो 800mm वाली पाइप डाली गयी है अब इसी पाइप के अंदर NHIDCL और NDRF के जवान अंदर गये है. और फिर हाइड्रोलिक कटर की मदद से इस लोहे को काटने की कोशिश की जा रही है.

ताज़ा जानकारी के मुताबिक मुमकिन है कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने में अभी कम से कम 3 से 4 घंटे का वक़्त अभी और लगे. फंसे हुये मज़दूरों को निकालने के लिये जो 800mm वाली पाइप डाली गयी है अब इसी पाइप के अंदर NHIDCL और NDRF के जवान अंदर गये है. और फिर हाइड्रोलिक कटर की मदद से इस लोहे को काटने की कोशिश की जा रही है.कैमरे की मदद से मलबे और 41 मज़दूरों की निगरानी हो रही है. इन 41 मज़दूरों के बाहर निकलने पर तीन स्तर पर होगी शारीरिक जाँच. पैरामेडिक, CMO और चिन्याली सौड के अस्पताल में जांच होगी. दिल्ली से आज कुछ और मशीन और Equipment के साथ भूगर्भशास्त्री की टीम यहाँ आयेगी और निरीक्षण कर एक रिपोर्ट तैयार किया जायेगा.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के प्रयास जारी हैं और मेडिकल इक्विपमेंट्स साइट पर पहुंच गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, आज सुरंग से मजदूरों को बाहर निकाले जाने की उम्मीद है.रेस्क्यू टीम के सदस्य हरपाल सिंह ने दावा किया कि गुरुवार सुबह आठ बजे तक टनल के अंदर फंसे मजदूर बाहर आ सकते हैं. उन्होंन कहा कि सुबह आठ बजे तक सारा ऑपरेशन पूरा हो जाएगा. सभी लोग अंदर फंसे मजदूरों के लिए दुआएं कर रहे हैं.

जानकारों की मानें तो इस ऑपरेशन को पूरा होने में अभी करीबन 5 से 6 घंटे तक का वक्त और लग सकता है. ये उस स्थिति में होगा जब काम लगातार चलता रहे और आगे कोई अड़चन न आए.उत्तरकाशी टनल में ड्रिलिंग का फिर से शुरू हो गया है. अवरोध आने की वजह से ये रुक गया था. बता दें कि ड्रिलिंग काम अंतिम चरण में हैं. कभी भी मजदूरों के बाहर आने की जानकारी मिल सकती है.झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकाले जाने में हो रही देरी पर बुधवार को चिंता व्यक्त की. रांची में सीएम सोरेन ने कहा कि झारखंड के अधिकारियों का एक दल मौके पर इंतजार कर रहा है ताकि राज्य के श्रमिकों को सुरंग से निकाले जाने के तुरंत बाद उन्हें वहां से हवाई मार्ग से लाया जा सके. उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा से डंडालगांव सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में से 15 झारखंड के हैं. सोरेन ने कहा, “सुरंग ढहने को दस दिन बीत चुके हैं. लेकिन इसको लेकर कोई निश्चित समय नहीं है कि जो मजदूर फंसे हुए हैं वे कब बाहर आएंगे.”

उत्तरकाशी टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ा बड़ा अपडेट सामने आया है. ड्रिलिंग का काम रुक गया है. कुछ अवरोध आने की वजह से ड्रिलिंग रोक दी गई है.विकास राणा नाम के अधिकारी ने बताया कि जो 41 मजदूर अंदर फंसे हैं, उनके लिए खाने में रोटी, दाल, गोभी की सब्जी और उबला हुआ अंडा है. खाना अंदर जाने से पहले डॉक्टर चेक कर रहे हैं. पैकेट में पैक होकर ये फंसे हुए मजदूरों के पास पहुंच रहा है.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को उत्तरकाशी पहुंचे. मुख्यमंत्री धामी सिलक्यारा टनल में चल रहे राहत एवं बचाव कार्य का लगातार जायजा ले रहे हैं. दूसरी तरफ सुरंग में ड्रिलिंग का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है. ऑगर मशीन से लगभग 44-45 मीटर तक की ड्रिलिंग पूरी हो गई है. अब करीब 20 मीटर की ही ड्रिलिंग बची हुई है. अगले दो घंटे में हो सकता है कि पाइप सुरंग से आरपार हो जाए. जिसके बाद सुरंग में 11 दिनों से फंसे हुए 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा. बाहर निकालने के बाद तुरंत ही सभी मजदूरों को सीधे चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा, जिसकी तैयारी की जा रही है.

उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग से निकाले जाने के बाद फंसे श्रमिकों की चिकित्सा जांच और देखभाल के लिए चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों वाला अस्पताल तैयार किया गया है. इसका वीडियो सामने आया है.

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