नई दिल्लीः मौसम विभाग (आईएमडी) ने सितंबर महीने के लिए भारत में मौसम को लेकर अनुमान जारी किए हैं। अगस्त का पूरा महीना मानसूनी बारिश से भीगे रहने और अलग-अलग राज्यों में बाढ़ के प्रकोप के चलते कई रिकॉर्ड टूटे हैं। उत्तर में जम्मू-कश्मीर से लेकर पश्चिम में राजस्थान-गुजरात और मध्य-पश्चिम में मुंबई तक में भारी वर्षा के चलते लगातार स्थिति बद से बदतर होती चली गई। आईएमडी की मानें तो उत्तर-पश्चिम भारत में अगस्त महीने में 2001 के बाद सबसे अधिक बारिश हुई है। इस क्षेत्र में औसत 265 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो कि 1901 के बाद से 13वां सबसे अधिक बारिश वाला साल रहा है।
इस स्थिति के बीच पूरे देश की नजर अब सितंबर के मौसम पर लगी हैं। आइये जानते हैं कि भारत में अगस्त के महीने में किस क्षेत्र में बारिश का क्या रिकॉर्ड रहा? सितंबर में भारत के किस क्षेत्र में कैसा मौसम रहेगा? बारिश से देश की स्थिति क्या होगी? किन-किन क्षेत्रों के लिए आईएमडी ने चेतावनी जारी की है?भारत में अगस्त के महीने में औसत 268.1 मिमी बारिश हुई, जो कि सामान्य से पांच फीसदी ज्यादा रही। अगर 1 जून से 31 अगस्त को देखा जाए तो देश में कुल 743.1 मिमी बारिश हुई, जो कि सामान्य से छह फीसदी ज्यादा रही।
मौसम विभाग ने अपनी प्रेस रिलीज में बताया है कि उत्तर पश्चिम भारत में अगस्त के महीने में 265 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है। अगर जून-जुलाई के भी मौसम को देखा जाए तो सामने आता है कि मानसून के इन तीनों महीनों में उत्तर-पश्चिम भारत ने कुल मिलाकर 614.2 मिमी बारिश देखी है, जो कि 1 जून से लेकर 31 अगस्त के सामान्य औसत- 484.9 मिमी से 27 फीसदी ज्यादा है।
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में अत्याधिक बारिश की मुख्य वजह भीषण मौसमी घटनाएं रहीं। पंजाब में बारिश की वजह से दशकों में सबसे बड़ी बाढ़ आई। यहां नदियों में पानी ज्यादा होने से हजारों हेक्टेयर खेती लायक जमीन डूब गई। इसके चलते लाखों लोगों को अपने घर छोड़कर दूसरी जगहों पर जाना पड़ा है। इसके अलावा हिमालयी राज्यों- उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और अचानक बाढ़ आने से भूस्खलन भी हुए और इससे भयानक नुकसान हुआ। हिमाचल और उत्तराखंड में सड़कें और पुल बह गए, जबकि जम्मू-कश्मीर में बार-बार बादल फटने की वजह से बारिश और भूस्खलन हआ।
दूसरी तरफ दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में भी बारिश ने नए रिकॉर्ड बनाए। राज्य में अगस्त में ही 250.6 मिमी बारिश हुई, जो कि औसत से 31 फीसदी ज्यादा रही। 2001 के बाद से क्षेत्र के लिए यह तीसरा सबसे ज्यादा बारिश वाला अगस्त रहा। वहीं, 1901 के बाद से यह आठवां सबसे भीगा अगस्त था। कुल मिलाकर इस क्षेत्र में 1 जून से 31 अगस्त तक कुल 607.7 मिमी बारिश हुई, जो कि 556.2 मिमी की सामान्य बारिश से 9.3 फीसदी ज्यादा थी।
मौसम विभाग के मुताबिक, सितंबर 2025 में पूरे देश में मासिक औसत वर्षा सामान्य से अधिक (दीर्घावधि औसत) में 109% से अधिक रहने की संभावना है। देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। हालांकि, पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत के कुछ भागों, सुदूर दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कई क्षेत्रों और सुदूर उत्तरी भारत के कुछ भागों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है। आईएमडी के मुताबिक, 1971 से 2020 के बीच भारत में सितंबर में बारिश का औसत आंकड़ा 167.9 मिमी रहा है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने चेतावनी दी कि सितंबर में उत्तराखंड में भारी बारिश से भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की घटनाएं हो सकती हैं। इसके अलावा, दक्षिण हरियाणा, दिल्ली और उत्तर राजस्थान में भी सामान्य जीवन प्रभावित हो सकता है।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड से कई नदियां निकलती हैं। ऐसे में अगर वहां भारी बारिश होती है तो नदियां उफान पर होंगी और इसका असर निचले इलाकों के शहरों और कस्बों पर पड़ेगा। इसलिए हमें इसके लिए सतर्क रहना चाहिए। वहीं, महापात्रा ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में महानदी नदी के ऊपरी कैचमेंट क्षेत्रों में भी भारी बारिश की संभावना है, जिससे वहां बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
माैसम विभाग ने रविवार को पूर्वानुमान जारी किया कि उत्तर प्रदेश में सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश के आसार हैं। यूपी समग्र रूप से बात करें तो अगस्त में सामान्य से 2 प्रतिशत अधिक बरसात हुई। क्षेत्रवार आंकड़ों की बात करें तो पश्चिमी यूपी में अगस्त में कुल 237.6 मिमी यानी सामान्य से 4 प्रतिशत अधिक और पूर्वी यूपी में 244 मिमी यानी सामान्य से 1 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में मानसून ट्रफ बीकानेर, कोटा, गुना, दमोह, सम्बलपुर और पुरी होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। इस सिस्टम के प्रभाव से जयपुर, अजमेर, भरतपुर, कोटा, बीकानेर, उदयपुर और जोधपुर संभाग के जिलों में बारिश का दौर अगले कुछ दिन और जारी रह सकता है।
चार सितंबर तक सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जहानाबाद, भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर, खगड़िया में कुछ स्थानों पर बारिश के आसार हैं।एक सितंबर को भी कहीं-कहीं मेघगर्जन और वज्रपात के आसार हैं। वहीं 2 से 5 सितंबर तक व्यापक और भारी वर्षा हो सकती है। खासतौर पर उत्तर छत्तीसगढ़ में संभावना है। कोंडागांव, कांकेर, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव, गरियाबंद, महासमुंद, रायपुर, बलौदा बाज़ार, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, बिलासपुर, कोरबा, जशपुर, दुर्ग, बेमेतरा और मुंगेली में आगे भारी बारिश का अनुमान है।
3 से 6 सितंबर तक भारी से बहुत भारी बारिश; 4-5 सितंबर को गुजरात क्षेत्र और 5-6 सितंबर को सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में भारी बारिश का अनुमान।अगले 7 दिन तक भारी से बहुत भारी बारिश; 3–5 सितंबर को भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना।अगले 5 दिनों तक कई स्थानों पर बारिश, कुछ जगह भारी वर्षा।3 सितंबर तक भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान; दक्षिणी हिस्सों में अत्याधिक बारिश संभव।