बाढ़ ने छीन ली 11,300 जिंदगियां !

त्रिपोली। पूर्वी लीबिया के डेरना शहर और उसके आसपास आई बाढ़ और उससे हुई बर्बादी ने देश की एकता की आवाज को बुलंद कर दिया है। 12 वर्ष से गृहयुद्ध झेल रहे देश में यह पहला मौका है जब इतनी शिद्दत से एकता की जरूरत महसूस की जा रही है। बाढ़ से 11,300 लोगों की मौत हुई है जबकि दस हजार से ज्यादा लोग लापता हैं।

इस बीच लीबिया में बाढ़ पीड़ितों के बचाव के लिए आया ग्रीस का दल रविवार को सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया। दुर्घटना में टीम के चार सदस्यों की मौत हो गई और 15 घायल हुए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की जाहरा अल-जेरबी ने बाढ़ में चार परिवारी जनों को खोया है।

अब उनके पास अपना कहने के लिए तन को ढंके कपड़े हैं, और कुछ नहीं। वह लोगों से कपड़े, खाना और सिर छिपाने के लिए ठिकाना मांग रही हैं। ऐसे तमाम लोग हैं जिनका बाढ़ ने सब कुछ छीन लिया है। आगे का जीवन जीने के लिए उन्हें हर तरह की सहायता की जरूरत है।

वहीं, प्रभावित इलाके में पेयजल का संकट भी खड़ा हो गया है। पश्चिम एशिया और यूरोप के देशों ने सहायता का प्रस्ताव किया है, लेकिन गृहयुद्ध से जर्जर देश में यह सहायता आसान नहीं है। तेल संपन्न इस देश में विरोधी पक्ष के आमजन भी पीड़ितों की मदद करना चाह रहे हैं, लेकिन इलाकों पर कब्जा किए सशस्त्र मिलीशिया मदद पहुंचाने की राह में सबसे बड़ी बाधा हैं। वे नहीं चाहतीं कि प्रतिद्वंद्वी मिलीशिया का प्रभाव बढ़े और उन्हें किसी बात का श्रेय मिले। इसके बावजूद आमजन बातचीत में देश के एकजुट होने की आवश्यकता जता रहे हैं।

बाढ़ ने लीबिया के तटवर्ती शहर डेरना को तहस-नहस कर दिया है। वर्षा और उसके बाद दो बांध टूटने से पैदा हुईं कई मीटर ऊंची पानी की लहरों की चपेट में आकर 891 इमारतें नष्ट हो गई हैं, 211 का कुछ हिस्सा नष्ट हुआ है और 398 इमारतों में कीचड़ भर गया है, जिससे उन्हें रहने लायक बनाने में हफ्तों का समय लगेगा। शहर की 25 प्रतिशत से ज्यादा इमारतों को नुकसान हुआ है। 40 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं। इसके अतिरिक्त सड़कों, पुल और पुलिया भी टूटी व क्षतिग्रस्त हुई हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *