नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में एक बिल पेश करेंगी। इसमें पान मसाला और केंद्र सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर खर्च को पूरा करने के लिए नोटिफाई की गई किसी भी दूसरी चीज पर ‘हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस’ लगाने का बिल होगा।
बिल में तुरंत पान मसाला पर सेस लगाया जा सकता है और बाद में इसे सिगरेट और तंबाकू प्रोडक्ट्स (बीड़ी को छोड़कर) लागू किया जा सकता है। यह भी उम्मीद है कि इससे केंद्र सरकार को भविष्य में लोगों की भलाई के लिए लिस्ट में कोई भी आइटम जोड़ने का अधिकार मिलेगा। एक बार बिल एक्ट बन जाने के बाद, प्रस्तावित सेस उस तारीख से लागू हो जाएगा, जिस दिन सरकार इसे ऑफिशियल गजट में नोटिफाई करेगी।
इस बीच सत्र के दौरान एसआईआर को लेकर हंगामा होने के आसार भी नजर आ रहे हैं। सत्र शुरू होने से एक दिन पहले हुई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत कई विपक्षी दलों ने वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर चर्चा की मांग प्रमुखता से उठाई।
इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, आर्थिक मुद्दों, किसानों की स्थिति, महंगाई, बेरोजगारी को लेकर भी अपनी चिंता सरकार के सामने रखी। वहीं सरकार ने सत्र के सुचारू संचालन में सहयोग की अपील करते हुए कहा कि विपक्ष के सभी सुझावों को सुना गया है।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में 36 राजनीतिक दलों के 50 नेताओं ने हिस्सा लिया। 19 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र के दौरान केंद्र और विपक्ष के बीच कई मुद्दों को लेकर गतिरोध और हंगामा छिड़ने के आसार नजर आ रहे हैं।
बैठक में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, किरेन रिजिजू, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई प्रमुख नेता शामिल हुए। सत्र के दौरान सरकार की ओर से 14 बिल पेश किए जाने की तैयारी भी की गई है।
विपक्ष की ओर से स्पष्ट संकेत दिया गया कि यदि सरकार एसआई आर पर चर्चा नहीं करवाती तो गतिरोध की स्थिति बनेगी। इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि यह शीतकालीन सत्र है और इसमें सबको ठंडे दिमाग से काम करना चाहिए।
रिजिजू ने कहा कि बैठक में कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने कहा है कि SIR पर भी चर्चा होनी चाहिए और कई मुद्दे हैं। किसी नेता ने यह नहीं कहा कि सदन चलने नहीं देंगे। लेकिन कुछ नेताओं ने ये कहा है कि SIR को लेकर सदन में हंगामा कर सकते हैं।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि ज्यादातर दलों की एक राय है कि अगर SIR पर चर्चा नहीं होती तो इसका मतलब सरकार सदन नहीं चलाना चाहती। चुनाव आयोग ने खुद महसूस किया कि एसआईआर को लेकर तैयार किया गया टाइम टेबल समय पर्याप्त नहीं था और SIR को लेकर एक सप्ताह का समय बढ़ाया गया है। लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करने की जरूरत है।
समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक पर कहा कि एसपी की तरफ से केवल SIR का मुद्दा उठाया गया है। BJD सांसद सस्मित पात्रा ने कहा कि उम्मीद है कि सरकार विपक्षी पार्टियों को जरूरी मुद्दे सदन में रखने देगी।

