कूड़ा अलग नहीं किया तो लगेगा जुर्माना

देहरादून: शहर से रोजाना निकलने वाले तीन टन से अधिक कूड़े का निस्तारण नगर निगम के लिए चुनौती बना हुआ है। इसका सबसे बड़ा कारण गीला और सूखा कूड़ा एक साथ डंप किया जाना है। तमाम प्रयासों के बावजूद नगर निगम कूड़े के पृथक्करण में नाकाम साबित होता आया है। जबकि, नागरिकों का भी गैरजिम्मेदाराना रवैया शहर को स्वच्छ रखने में आड़े आ रहा है।

गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग करने के लिए नगर निगम आमजन को जागरूक करने के साथ ही अब सख्ती के मूड में है। मिश्रित कूड़ा डंप करने वाले घरों पर जुर्माना लगाया जाएगा। नगर निगम की ओर से गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग निस्तारित करने के लिए आमजन को जागरूक किया जा रहा है। हालांकि, तमाम प्रयासों के बावजूद निगम को मिश्रित कूड़ा शीशमबाड़ा में डंप करना पड़ता है। इसे लेकर शहर की हाईराइज सोसायटी पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

कूड़ा पृथक्करण न करने पर बल्क वेस्ट जनरेटरर्स पर 10 हजार से एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा रहा है। जिसके बाद काफी हद तक बड़ी हाउसिंग सोसायटी में व्यवस्था सुधरने लगी है। हालांकि, कालोनियों व गली-मोहल्लों में घरों से अब भी मिश्रित कूड़ा ही गाड़ियों में डाला जा रहा है।

जिस पर सख्ती करते हुए नगर निगम ने ऐसे घरों पर 100 से 1000 रुपये तक जुर्माना लगाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए कूड़ा उठान वाहनों के कर्मचारी आमजन को जागरूक कर रहे हैं, लेकिन यदि इसके बाद भी मिश्रित कूड़ा वाहनों में दिया गया तो ऐसे घरों पर निगम जुर्माना लगाएगा।

कूड़ा उठान वाहनों के कर्मचारी घर से कूड़ा एकत्र कर वहीं पर जांच करेंगे, यदि गीला-सूखा कूड़ा एकसाथ रख गया तो नगर निगम के सफाई निरीक्षण को सूचित किया जाएगा। जो संबंधित घर पर जुर्माना लगाएंगे। आमजन को इसके लिए जागरूक किया जा रहा है कि गीला कूड़ा खाद बनाने में प्रयुक्त हो सकता है। कंपोस्ट पिट में भी निस्तारित हो सकता है, लेकिन प्लास्टिक कचरा निस्तारित नहीं हो सकता। दोनों प्रकार का कूड़ा अगल-अलग रखना जरूरी है।

-मनुज गोयल, नगर आयुक्त

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