कतर में भारत की बड़ी डिप्लोमैटिक जीत

नौसेना के 8 पूर्व अधिकारी हुए रिहा, सुनाई गई थी फांसी की सजा

दोहा: भारत के लिए एक बड़ी डिप्लोमैटिक जीत देखने को मिली है। कतर ने जिन आठ भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मियों को मौत की सजा सुनाई थी उन्हें रिहा कर दिया गया है। इससे पहले भारत के हस्तक्षेप के बाद मृत्युदंड को एक लंबी जेल की अवधि में बदल दिया गया था।

कतर ने जब भारतीय नेवी के पूर्व सैनिकों को फांसी की सजा सुनाई थी, तो पूरा देश इनके लिए चिंतित हो गया। इनके परिजनों की ओर से रिहाई और सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई जा रही थी। विदेश मंत्रालय की ओर से आश्वासन दिया था कि वह सभी राजनयिक चैनलों का इस्तेमाल करेगा और इन्हें कानूनी सहायता की व्यवस्था देगा।

विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों में से सात पहले ही भारत वापस आ चुके हैं। केंद्र सरकार की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया। इसमें इन पूर्व अधिकारियों की रिहाई के फैसले का स्वागत किया गया। बयान में कहा गया, ‘भारत सरकार दाहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है, जिन्हें कतर में हिरासत में लिया गया था।’

बयान में आगे कहा गया, ‘आठ में से सात भारत लौट आए हैं। हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को सक्षम करने के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं।’ आठ भारतीय नागरिक अक्टूबर 2022 से कतर की जेल में बंद थे।

कतर ने उन पर पनडुब्बी से जुड़ी कथित जासूसी का आरोप लगाया था। यह सभी आठ लोग भारतीय नौसेना के रिटायर्ड कर्मी हैं, जिन्हें कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई। इनसे जुड़ी डिटेल अभी तक आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं की गई है।

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