कोटद्वार। कोटद्वार व आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश से तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। मंगलवार दोपहर तीन से लेकर बुधवार सुबह आठ बजे तक 269 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। भारी वर्षा के चलते क्षेत्र में नदियां और बरसाती गदेरे उफान पर रहे। इस दौरान कोई जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन कई घरों में मलबा घुस गया। साथ ही क्षेत्र में 14 मकान खोह नदी और बहेड़ा स्रोत की भेंट चढ़े। प्रशासन की टीम पूरी रात नदियों और बरसाती गदेरों के किनारे बसे व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाती रही।
मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे वर्षा का दौर शुरू हो गया था। रुक-रुक कर हो रही मूसलधार वर्षा का क्रम रात करीब आठ बजे कम हुआ, लेकिन एक घंटे बाद बादल फिर बरसने लगे। पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही मूसलधार वर्षा से तमाम बरसाती गदेरे और नदियां उफान पर आ गई। मालन नदी उफान पर आने से बेलगिरी आश्रम-मालन नदी-हल्दूखाल के बीच बना वैकल्पिक मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया।
साथ ही मालन नदी पर टूटे पुल के समीप खड़ा 33 केवि का विद्युत पोल भी नदी में समा गया। सुखरो नदी भी उफान पर रही। इसके कारण सत्तीचौड़ और सिम्मलचौड़ में कई घरों में बरसाती पानी व मलबा घुसा। गिवईं गदेरे के उफान पर आने से दो बसें नदी की भेंट चढ़ गई। वहीं गिंवई बस्ती में कई घरों में पानी और मलबा घुस गया।
पनियाली गदेरा उफान पर आने से देवी रोड पर कई दुकानों में मलबा घुस गया। वहीं आमपड़ाव व कौड़िया क्षेत्र में कई घरों में पानी घुस गया। इससे कौड़िया में दुलारी देवी के आवास को भी क्षति पहुंची है। उप जिलाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि वर्षा से किसी जनहानि की सूचना नहीं है।
प्रखंड दुगड्डा के अंतर्गत ग्राम चूना-महेड़ा में भूस्खलन से छह भवन क्षतिग्रस्त हो गए। वर्षा के दौरान पौखाल-चूना महेड़ा मोटर मार्ग का बड़ा हिस्सा टूट गया और सड़क के निचले हिस्से के घरों में पानी और मलबा घुस गया। क्षेत्र पंचायत सदस्य पुष्पा केष्टवाल ने बताया कि घर में घुस रहे पानी की दिशा बदलने की कोशिश के दौरान 91 वर्षीय रहमत अली पानी के तेज बहाव की चपेट में आ गए। देर शाम तक उनका कुछ पता नहीं चला।
प्रशासन की ओर से मौके पर एसडीआरएफ की टीम को भेजा गया है। इसके अलावा भूस्खलन के कारण रमेश भारती, मनोहर लाल भारती, शौकत अली, मो. उस्मान सहित छह व्यक्तियों के घर क्षतिग्रस्त हो गए। इधर, सूचना मिलते ही राजस्व उप निरीक्षक रवींद्र सिंह मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। उप जिलाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि भूस्खलन प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
पर्वतीय क्षेत्र में लगातार वर्षा के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। रुद्रप्रयाग जिले में मंगलवार से देवीधार में अवरुद्ध गौरीकुंड हाईवे 40 घंटे बाद छोटे वाहनों के लिए सुचारु कर दिया गया। इसके अलावा बदरीनाथ हाईवे पर लामबगड़ नाला उफान पर आने के कारण यातायात तीन घंटे अवरुद्ध रहा। इसके चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यमुनोत्री हाईवे पर डेंजर जोन में लगातार पत्थर गिरने के कारण आवाजाही खतरनाक बनी हुई है।
मौसम विभाग की ओर से भारी वर्षा का अलर्ट देखते हुए चमोली और पौड़ी जिले के विद्यालयों में कक्षा एक से 12 तक और आंगनबाड़ी केंद्रों में गुरुवार का अवकाश घोषित किया गया है। उधर, पर्वतीय क्षेत्र में दो हाईवे, सात राज्यमार्ग और 98 संपर्क मार्ग समेत 107 सड़कें बाधित हैं। इसके चलते 169 गांवों का संपर्क कटा है। इसके अलावा 22 से अधिक गांवों में बिजली आपूर्ति भी ठप है। दरअसल, बीते मंगलवार को भारी वर्षा के कारण गौरीकुंड हाईवे पर देवीधार तोक में 50 मीटर सड़क बह गई थी।
केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव हर्ष गुप्ता के नेतृत्व में बुधवार को दस सदस्यों की टीम ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ लक्सर और खानपुर ब्लाक क्षेत्र में आपदा प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। टीम ने गंगा व सोलानी के तटबंधों को भी देखा और आपदा से बचाव के लिए कारगर कदम उठाने के साथ ही प्रभवितों को उचित मुआवजा हरसंभव मदद दिलाए जाने का भरोसा दिलाया।
जिलाधिकारी धीरज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि आपदा से हुई क्षति की जानकारी जुटाई जा रही है। केंद्र से आई टीम निरीक्षण के बाद क्षति और तटबंध आदि की स्थिति से संबंधित रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेंगी। आपदा की रोकथाम के संबंध में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।