भूस्खलन की वजह से हिमाचल में 20 से ज्यादा लोगों की मौत

शिमला:  हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ के कारण 20 से अधिक लोगों की मौत होने की जानकारी है। पिछले 3 दिनों से प्राकृतिक आपदा से गिरे मंडी जिला में 13 लोगों की मौत हुई। इसके बाद सोलन जिला में सात लोगों की मौत होने की सूचना है। प्रदेश में तबाही की स्थिति लगातार बनी हुई है।

मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अगले 24 घंटों तक मानसून इसी प्रकार सक्रिय रहेगा। राज्य के अधिकांश भागों में भारी वर्षा का क्रम जारी रहने से नदियां, नाले व खड्डे उफान पर रहेंगे। चंडीगढ़-शिमला फोरलेन चक्की मोड पर वाहनों के लिए बाधित है।पिछले 2 दिनों से इस क्षेत्र में पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण वाहन कई घंटों तक फंसते रहे। इसके अलावा चंडीगढ़-मनाली फोरलेन भी दो-तीन स्थानों पर भूस्खलन होने के कारण 24 घंटे से बाधित है।

धर्मपुर की तनयाहड पंचायत के नल्याणा में मकान में मलवाल प्रवेश कर जाने की वजह से तीन लोगों के दबने की सूचना है। वहीं, नाहन के कंडईवाला में रविवार देर शाम को बादल फटने से 50 घरों में मलबा भर गया है।चुराह, सलूनी सहित जिला का पहाड़ी क्षेत्र पूरी तरह से धुंध के आगोश में है। उधर जिला प्रशासन ने खराब मौसम में लोगों से घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है। साथ ही वाहन चालकों को भी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वाहन ले जाने की बात कही है।

ब्यास और उसकी सहायक नदियां उफान पर है। जिला प्रशासन ने लोगों को बाहर न निकलने और ब्यास नदी के किनारे और नालों के पास नहीं जाने का अनुरोध किया है।शिमला में भूस्खलन की वजह से एक मंदिर ढह गया। मंदिर में कम से कम 10 लोगों के फंसे होने की सूचना है।बाढ़ और भूस्खलन की वजह से मंडी में 13 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, भूस्खलन की वजह से कई घरों में मलबे भर गया है।

भारी बारिश और बादल फटने की वजह से हमीरपुर की अनु पंचायत में एक मंजिला मकान जमीन दोज हुआ। गनीमत रही कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। वहीं, बादल फटने से केएमसी कम्पनी के चार मजदूर मलबे में दब गए, जिसकी वजह से एक बुजुर्ग और बच्ची की मौत हो गई।

हिमाचल के मंडी में एचआरटीसी मंडी डिपो की बस (HP 65A 0139) बादल फटने के बाद मलबे के साथ बह गई l बस शिवा बदार के थटटा में खड़ी थी। गनीमत है कि ड्राइवर और कंडक्टर सुरक्षित हैं lशिमला के एसपी ने जानकारी दी कि भूस्खलन की वजह से एक मंदिर ढह गया, जिससे आसपास की इमारतों को खतरा पैदा हो गया। भूस्खलन की वजह से कई लोग फंसे हुए हैं।

पठानकोट मंडी फोरलेन में 32 मील के पास पहाड़ी से मलबा एंव भूस्खलन के कारण फोरलेन से वाहनों के आवाजाही बन्द हो गई है।राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की वजह से बाढ़ और भूस्खलन के चपेट में आकर कई लोगों की मौत हो गई है। धर्मपुर के एसडीएम राजेंद्र गौतम ने जानकारी दी कि जिले में दो लोगों की मौत हो गई है। प्रभास राणा की मौत हुई है,राकेश कुमार, रीता देवी सुरक्षित हैं।

बताया जा रहा है की ये अपने पड़ोसी राजकुमार के घर गए थे समान निकालने गए थे। ऊपर से मलबा और चट्टान आने के कारण उसकी चपेट में आ गए। प्रभास को अस्पताल ले जाया जा रहा था लेकिन रास्ते बंद होने के कारण समय पर नहीं पहुंच पाए। जिस कारण रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया।सोलन के जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कंडाघाट उपमंडल ने जानकारी दी कि जादोन गांव में बादल फटने की वजह से दो घर और एक गौशाला बह गई।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोलन जिले के जादोन गांव में बादल फटने से सात लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया, “हमने अधिकारियों को इस कठिन अवधि के दौरान प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता और समर्थन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।”हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की वजह से ब्यास नदी उफान पर है। सोलन के जादोन गांव में बादल फटने से सात लोगों की मौत और लोग तीन लोग लापता हो गए हैं।

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