राष्ट्रवाद से जुड़ेंगे उत्तराखंड के मदरसे

देहरादून। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि उत्तराखंड का हर मदरसा राष्ट्रवाद से जुड़ेगा। मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे देश के भविष्य हैं, उनके साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। मदरसों के सत्यापन को लेकर कोई समझौता नहीं होगा, किसी से ज्यादती नहीं होगी और जहां गलत होगा, उसे छोड़ेंगे भी नहीं।

लव जिहाद व लैंड जिहाद के मामले में सरकार बेहतर कर रही है। यह उनके लिए जरूरी भी है, जो गलत कर रहे हैं। मंगलवार को भगत सिंह कॉलोनी स्थित मदरसा बोर्ड कार्यालय के सभागार में अध्यक्ष बनने के बाद मुफ्ती शमून कासमी ने पहली बार बोर्ड के सदस्यों व अधिकारियों के साथ बैठक की।

इस बैठक में सदस्यों ने मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए शीघ्र भुगतान, समकक्ष की मान्यता, एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के संचालन व विशेष प्रशिक्षण देने की मांग उठाई। मौलाना हाजी सिब्ते हसन ने रुके अनुदान को जारी करने की मांग रखी। अरशद हुसैन ने कहा कि मदरसों को मान्यता मिलनी चाहिए।

रईस अहमद ने मदरसा बोर्ड के पाठ्यक्रम में साहित्य, विज्ञान, गणित को शामिल करने की मांग की। जिस पर बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि सभी मामले संज्ञान में हैं। इन मसलों के साथ राज्य के सभी मदरसों को बेहतर बनाने के लिए अनुभवी लोगों को शामिल कर जल्द कमेटी गठित की जाएगी।

मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि देश किसी भी धर्म को पीछे रखकर आगे नहीं बढ़ सकता। केंद्र व राज्य सरकार भी यह जानती हैं। इसलिए हर वर्ग को साथ लेकर बेहतर तरीके से आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्र व राज्य सरकार भ्रष्टाचार के सख्त खिलाफ हैं। हमें 100 प्रतिशत ईमानदार होना चाहिए। जानबूझकर किए गए गलत काम को अल्लाह भी माफ नहीं करता है।

मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि मदरसा बोर्ड में पहले अधिकारियों ने काम नहीं किया, जिसका नुकसान वर्तमान में हुआ। उन्होंने कहा कि तीन अक्टूबर को बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्होंने राज्य के विभिन्न मदरसों ने जाकर निरीक्षण किया। यदि कोई कहता है कि हमारे साथ इंसाफ नहीं हो रहा है तो उन्हें यह भी जानना जरूरी है कि वर्ष 2014 से पहले से अब की स्थिति बेहतर है।

मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि मदरसों के सत्यापन को लेकर घबराने की नहीं, बल्कि आगे बढ़कर कार्य करने की जरूरत है। इंसान ईमानदार है तो किसी भी काम में रुकावट नहीं आनी चाहिए और बोर्ड का मकसद भी यही है। उहोंने कहा कि हम सभी को नफरत फैलाने वालों से दूर रहना चाहिए।

इस दौरान उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के सदस्य व मंगलौर विधायक रहे शरवत करीम अंसारी के निधन पर बोर्ड के सदस्यों ने दुख जताया। इस मौके पर उपनिदेशक हीरा सिंह बसेड़ा, उप रजिस्ट्रार अब्दुल यामीन, काजी यूसुफ, फुरकान अहमद, कुतुबद्दीन अहमद, एसएल शाह आदि मौजूद रहे।

ऊधमसिंह नगर में अक्टूबर में अवैध मदरसे के मामले में उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि इस मामले में वह भी जल्द वहां का दौरा करेंगे। सभी मदरसा संचालकों को बताया जाएगा कि बेहतर कार्य गलत से नहीं, बल्कि सही कार्य करने से होगा।

धर्म से नहीं योग का ताल्लुक:मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि कुछ लोग योग को धर्म से जोड़ते हैं। उन्हें जानना चाहिए कि योग का कहीं भी धर्म से ताल्लुक नहीं है। योग तो बेहतर स्वास्थ्य के लिए किया जाना चाहिए। हम भाग्यशाली हैं कि हम देवभूमि में हैं, जहां सब कुछ है।

उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि जबरन मतांतरण के खिलाफ कानून सही है। लव जिहाद का ताल्लुक किसी धर्म से नहीं, इस्लाम से भी नहीं। कहा कि तीन तलाक इस्लाम का हिस्सा नहीं है, जो अब समाज में प्रचलित हो गया है।

अल्लाह जिसे इज्जत देता है, उसे हुकूमत देता है। आज सत्ता में जो हैं, उन्हें अल्लाह ने पसंद किया होगा, तभी वहां बैठे हैं। कासमी ने कहा कि मदरसे भी स्कूल का मुकाबला कर सकें, इसके लिए उन्हें मुख्यधारा से जोड़ना चाहिए।

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