बजरंगबली के स्वरूप में महाकाल

उदय दिनमान डेस्कः देशभर में आज बड़े ही धूम-धाम के साथ भगवान हनुमान का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। सुबह से ही मंदिरों में भारी भीड़ है। उज्जैन के प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के बाद महाकाल का हनुमान जी के स्वरूप में श्रृंगार किया गया।

आज देशभर में हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जा रहा है। इस मौके पर विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में तड़के भस्म आरती की गई। महाकाल का दूध, दही, गंगाजल, फलों आदि से अभिषेक किया गया। आज हनुमान जयंती के मौके पर महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया है जिसमें बाबा भोलेनाथ को हनुमानजी का स्वरूप दिया गया।

आज उत्तर भारत में हनुमान जन्मोत्सव का त्योहार मनाया जा रहा है। सुबह से ही मंदिरों में भारी भीड़ है। हनुमानजी को सिंदूर अति प्रिय है इसलिए मंगलवार और शनिवार के अलावा हनुमान जन्मोत्सव पर हनुमानजी को घी के साथ सिन्दूर अर्पित करने से भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है और आपके बिगड़े काम बन जाते हैं। हनुमान जयंती पर व्रत रखकर सिन्दूर से हनुमानजी की पूजा करने एवं हनुमान चालीसा का पाठ करने से मंगली दोष शांत होता है।

आज कलयुग के देवता माने जाने वाले भगवान हनुमान का जन्मोत्सव है। भगवान हनुमान जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। हनुमान जन्मोत्सव पर इनकी विशेष पूजा बहुत ही फलदायी मानी जाती है। हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर हनुमान जी को जनेऊ जरूर अर्पित करना चाहिए। हनुमानजी अपने कंधे पर मूंज का जनेऊ धारण करते हैं। यदि आपको किसी कार्य में लगातार असफलता मिल रही है तो हनुमान जी को जनेऊ चढ़ाएं। जनेऊ चढ़ाने से दुर्भाग्य से मुक्ति मिलती है।

हनुमानजी को राम का नाम बेहद प्रिय है।भगवान राम की पूजा करने से हनुमानजी बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं।पीपल के पत्ते पर चमेली के तेल और सिन्दूर से राम का नाम लिखें और इसे चढ़ाएं ,ऐसा करने से आपको सभी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।इसके अलावा पीपल के 11 पत्तों पर चन्दन या रोली से राम का नाम लिखकर उसकी माला बनाकर हनुमान जी को अर्पित करें।

शास्त्रों में हनुमान जी को चोला चढ़ाने के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन शुभ माना गया है। बजरंगवली को चोला चढ़ाने से शनि की साढ़ेसाती और ढैया से मुक्ति मिलती है। जो भक्त हनुमानजी को विधि-विधान से चोला चढ़ाते हैं उसके जीवन में भूत-पिशाच,शनि व ग्रहबाधा,रोग-शोक,कोर्ट-कचहरी के विवाद,दुर्घटना या कर्ज,चिंता आदि परेशान नहीं करते।

भगवान हनुमान कलयुग के देवता हैं। माना जाता है कि भगवान हनुमान आज भी इस पृथ्वी पर सशरीर विचरण करते हैं। हनुमान जयंती पर हनुमान जी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। हनुमान जयंती पर भगवान हनुमान की पूजा करने के लिए लकड़ी की चौकी, लाल कपड़ा, सिंदूर, चमेली का तेल, जनेऊ, चोला, लंगोट, गुलाब के फूल, तुलसीपत्र और पान का बीड़ा।

चैत्र पूर्णिमा पर उत्तर भारत में हनुमान जन्मोत्सव का पर्व आज मनाया जा रहा है। जबकि दक्षिण भारत में कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है। हनुमान जी सात चिरंजीवी में से एक हैं। हनुमान जी कलयुग के देवता हैं और आज भी इस पृथ्वी पर अमर हैं और निवास कर रहे हैं। हनुमान जी की आयु एक कल्प यानी 4.32 अरब साल हैं और रुद्रावतार हैं। हनुमान जी की पूजा करने से सभी तरह की मनोकामनाएं जल्द पूरी होती है।

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर सूर्य देव को जल अर्पित करते हुए पूजा का संकल्प लें। फिर उत्तर-पूर्व दिशा में चौकी रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछा दें। फिर चौकी पर हनुमान जी और भगवान राम की प्रतिमा रखें। फिर हनुमान जी को जनेऊ, लंगोट,चोला, सिंदूर, तुलसीपत्र और पान का बीड़ा चढ़ाते हुए हनुमान जी की पूजा आरंभ करें।

आज रामभक्त भगवान हनुमान का जन्मोत्सव है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बजरंगबली का प्रागट्य चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि,मंगलवार और चित्रा नक्षत्र में हुआ था। आज हनुमान जयंती पर ग्रहों का दुर्लभ संयोग बना हुआ है। आज मंगलवार है और पूर्णिमा तिथि सूर्योदय के साथ ही शुरू हो गई है। आज सिद्धि, पारिजात, पर्वत और अधियोग का संयोग बना हुआ। इन चार शुभ योग के कारण हनुमान जी की पूजा बहुत ही शुभफलदायी हो गई है।

आज मंगलवार होने के साथ-साथ रवि योग, चित्रा नक्षत्र का संयोग भी है। इसके अलावा ग्रहों का संयोग भी दुर्लभ रूप से बना हुआ है। मीन राशि जो कि गुरु ग्रह की राशि है, इसमें कई ग्रहों की युति बनी हुई है। मीन राशि में पंचग्रही योग का संयोग है। इसके अलावा मेष राशि में बुध और सूर्य की युति से बुधादित्य योग, मंगल के उच्च राशि मीन में होने से मालव्य योग भी बना है। इतने सारे शुभ योग में हनुमान जयंती पर भगवान हनुमान की पूजा करने पर विशेष फलदायी रहेगा।

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