सैन्य सेवा सर्वोच्च त्याग की मांग है करती :  थल सेना प्रमुख

देहरादून: आईएमए पासिंग आउट परेड में भारतीय थलसेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी शामिल हुए। इस दौरान निष्कल द्विवेदी को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। वहीं भारतीय सेना को आज 491 युवा सैन्य अधिकारी मिले। पीपिंग और ओथ सेरेमनी के साथ ही कुल 525 आफिसर कैडेट सेना में शामिल हुए। इनमें से 491 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थल सेना को मिले, जबकि 34 कैडेट 14 मित्र देशों की सेनाओं का हिस्सा बने।

देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के ऐतिहासिक ड्रिल स्क्वायर में शनिवार को 157वीं पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अधिकारी कैडेट्स को भारतीय सेना में कमीशन प्रदान किया गया। समारोह में गौरव, परंपरा और सैन्य अनुशासन की झलक देखने को मिली।

थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने परेड की समीक्षा की और सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले कैडेट्स को बधाई दी। उन्होंने नव-नियुक्त अधिकारियों से भारतीय सेना की परंपराओं का पालन करते हुए निष्ठा और समर्पण के साथ राष्ट्र सेवा करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सेना में कमीशन मिलना जिम्मेदारी भरे जीवन की शुरुआत है। कैडेट्स को संबोधित करते हुए थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा कि सैन्य सेवा केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि ऐसा दायित्व है जो सर्वोच्च त्याग की मांग करता है।

उन्होंने कहा कि अकादमी से पास आउट होने के बाद भले ही हर कदम पर कोई मार्गदर्शक साथ न हो, लेकिन तब आपके कंधों पर कहीं बड़ी जिम्मेदारी होगी। कहा कि एक अधिकारी के रूप में आपके आचरण, अनुशासन और निर्णय लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बनेंगे। देश और समाज आपको एक रोल मॉडल के रूप में देखेगा, ऐसे में आपके हर कार्य में मूल्य, कर्तव्य और राष्ट्र के प्रति निष्ठा झलकनी चाहिए। उन्होंने कैडेट्स से सेवा, समर्पण और नेतृत्व के मूल्यों को जीवन भर अपनाए रखने का आह्वान किया।

पासिंग आउट परेड में 157वें रेगुलर कोर्स, 46वें टेक्निकल एंट्री स्कीम, 140वें टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स, 55वें स्पेशल कमीशंड ऑफिसर्स कोर्स और टेरिटोरियल आर्मी ऑनलाइन एंट्रेंस एग्ज़ाम 2023 कोर्स के कुल 525 अधिकारी कैडेट्स को कमीशन प्रदान किया गया। इसके साथ ही 14 मित्र देशों के 34 विदेशी अधिकारी कैडेट्स भी पास आउट हुए। समारोह में अभिभावक, परिजन, वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। परेड का समापन पारंपरिक ‘अंतिम पग’ के साथ हुआ।

स्वॉर्ड ऑफ ऑनर और स्वर्ण पदक एसीए निश्कल द्विवेदी को दिया गया। रजत पदक बीयूओ बादल यादव और कांस्य पदक एसयूओ कमलजीत सिंह को मिला। टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स में प्रथम स्थान के लिए ऑफिसर कैडेट जाधव सुजीत संपत और टेक्निकल एंट्री स्कीम–46 में प्रथम स्थान के लिए डब्ल्यूसीसी अभिनव मेहरोत्रा को रजत पदक प्रदान किया गया। स्पेशल कमीशन ऑफिसर कोर्स का रजत पदक ऑफिसर कैडेट सुनील कुमार छेत्री को मिला।

विदेशी कैडेट्स में मेरिट में प्रथम स्थान का पदक बांग्लादेश के जेयूओ मोहम्मद सफ़ीन अशरफ को दिया गया। ऑटम टर्म 2025 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए इम्फाल कंपनी को थल सेना प्रमुख बैनर प्रदान किया गया। 157वें कोर्स के साथ भारतीय सैन्य अकादमी ने एक बार फिर भारतीय सेना को प्रशिक्षित और सक्षम नेतृत्व प्रदान करने की अपनी परंपरा को आगे बढ़ाया।

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