न्यूयॉर्क:200 से अधिक लोगों को लेकर जा रहा मैक्सिकन नौसेना का प्रशिक्षण पोत न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन ब्रिज से टकरा गया है। हादसे में कई लोगों के घायल होने की खबर है। जहाज कुआउटेमोक एक खास समारोह के लिए न्यूयॉर्क आया था।
एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा सकता है कि शनिवार शाम को जब जहाज इस पुल के नीचे से गुजरने वाला था, तब जहाज में एक ऊंचा खंबा (मस्तूल) पुल से टकरा गया। टक्कर के बाद जहाज के मस्तूल के कुछ हिस्से टूटकर गिर गए। टक्कर के बाद पुल पर भारी जाम की स्थिति बन गई। मैक्सिको की नौसेना ने भी जहाज के क्षतिग्रस्त होने की पुष्टि की है। घटना की जांच की जा रही है।
न्यूयॉर्क फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक, अधिकारियों ने करीब 20 लोगों के घायल होने की बात कही है, लेकिन इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। जानकारी के मुताबिक, जहाज र एक विशाल हरा, सफेद और लाल मैक्सिकन झंडा लहरा रहा था। टक्कर के बाद यह नदी के किनारे की ओर बहता चला गया। आसपास मौजूद लोगों में दहशत फैल गई। वे किनारे से दूर भागते नजर आए।
सिडनी नीडेल और लिली कैट्ज ने बताया कि वे सूर्यास्त देखने के लिए बाहर बैठे थे, जब उन्होंने जहाज को पुल से टकराते और उसका एक मस्तूल टूटते हुए देखा। करीब से देखने पर उन्होंने पाया कि जहाज पर कोई व्यक्ति ऊपर से लटक रहा था। उन्होंने दो लोगों को स्ट्रेचर पर जहाज से उतारकर छोटी नावों पर जाते देखा।
ब्रुकलिन ब्रिज 1883 में लोगों के लिए खोला गया था। इसकी लंबाई करीब 1600 फुट (490-मीटर) है। यह दो टावरों पर टिका हुआ है। शहर के परिवहन विभाग के अनुसार, हर दिन 100000 से अधिक वाहन और अनुमानित 32000 पैदल यात्री इसे पार करते हैं। इसका पैदल मार्ग एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है।
मैक्सिकन नौसेना के अनुसार कुआउटेमोक लगभग 297 फीट लंबा और 40 फीट चौड़ा (90.5 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा) है। यह पहली बार 1982 में रवाना हुआ था। हर साल यह नौसेना सैन्य स्कूल में कक्षाओं के अंत में कैडेटों के प्रशिक्षण को पूरा करने के लिए रवाना होता है। इस साल यह 6 अप्रैल को प्रशांत तट पर स्थित मैक्सिकन बंदरगाह अकापुल्को से रवाना हुआ, जिसमें 277 लोग सवार थे।
जहाज को 15 देशों के 22 बंदरगाहों का दौरा करना था। इनमें किंग्स्टन (जमैका), हवाना (क्यूबा), कोजुमेल (मैक्सिको) और न्यूयॉर्क शामिल थे। इसने आइसलैंड के रेक्जाविक, फ्रांस के बोर्डो, सेंट मालो और डनकर्क एवं स्कॉटलैंड के एबरडीन सहित अन्य स्थानों पर जाने की भी योजना बनाई थी। इसकी कुल यात्रा 254 दिनों के लिए थी, इनमें से 170 दिन समुद्र में बिताए जाने थे।