नेत्रदान का संकल्प, 19 लोगों ने भरा नेत्रदान का शपथ पत्र

 रुद्रप्रयाग:राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में 38वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा शुरू हो गया। इस अवसर पर आयोजित तीन नेत्र शिविरों में 66 लोगों की आई स्क्रीनिंग की गई व 03 विद्यालयों व 02 आंगनबाड़ी केंद्रों में जागरूकता गोष्ठियों का आयोजन किया गया। वहीं, नेत्रदान का संकल्प लेते हुए 19 लोगों के द्वारा नेत्रदान का शपथ पत्र भरा गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 एचसीएस मर्तोलिया ने कहा कि नेत्र का एक हिस्सा कार्निया का प्रत्यारोपण कर नेत्रहीन के जीवन को रोशन किया जा सकता है, लेकिन दुर्भाग्य से कार्निया की भारी कमी है। नेत्रदान नेक कार्य है और इसके माध्यम से ही नेत्रहीनों को दृष्टि का अमूल्य उपहार दिया जा सकता है। बताया कि नेत्रदान के प्रति जनमानस में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ही 25 अगस्त से 08 सितंबर तक 38 वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है।

बताया कि पखवाड़े के तहत आयोजित आई स्क्रीनिंग कैंप के अंतर्गत जिला चिकित्सालय में  39, सीएचसी अगस्त्यमुनि में 17 व सीएचसी जखोली में 10 लोगों की आई स्क्रीनिंग की गई, जबकि पखवाड़े के पहले दिन 19 लोगों द्वारा नेत्रदान का संकल्प लेते हुए नेत्रदान शपथ पत्र भरा गया।

इस अवसर पर नेत्र सर्जन डा0 अमित अंब ने कहा कि नेत्रदान मृत्यु के बाद होता है और आंख 6 से 8 घंटे के बीच ली जानी होती है, नेत्रदान लेने के लिए चिकित्सक द्वारा स्वयं घर जाकर नेत्र निकाले जाते हैं जो कि निःशुल्क होते हैं, किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति मृत्यु से पूर्व स्वंय की मृत्यु होने पर नेत्रदान की प्रतीज्ञा कर सकता है, जरूरी बात  यह है कि उसकी आंख की कार्निया साफ और स्वस्थ होनी चाहिए।

मधुमेह का रोगी भी नेत्र दान कर सकता है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा जीवन में नेत्रदान की घोषणा न की गई हो तो भी नेत्रदान किया जा सकता है उसके किसी भी संबंधी को नेत्रदान का अधिकार है। एक व्यक्ति के नेत्रदान से दो दृष्टिहीन लोग पुनः दुनिया देख सकते हैं।

वहीं, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीमों द्वारा प्राथमिक विद्यालय रामपुर, अगस्त्यमुनि, कणसिल तथा आंगनबाड़ी केंद्र चंदी देवल व खुमेरा में जागरूकता संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने नेत्रदान के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि नेत्रदान से संबंधित जानकारी के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1800-11-4770 या हेल्थ हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क किया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त उन्होंने नेत्र सुरक्षा के बारे में जानकारी देते हुए वर्ष में एक बार नेत्र विशेषज्ञ से अपने नेत्रों की जांच अवश्य करवाने, बच्चों को नुकीली वस्तुओं क खिलौनो से दूर रखने, आई फ्लू होने पर नेत्र विशेषज्ञों से परामर्श लेने व चिकित्सकीय परामर्श के बगैर कोई दवा न लेने की अपील की गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *