नई दिल्लीः किसी आपदा में अब तक एम्बुलेंस घटनास्थल तक पहुंचता है, लेकिन अब सीधा अस्पताल ही मरीजों तक पहुंच जायेगा. एक खास क्यूब, जिससे मात्र 20 मिनट में अस्पताल और 12 मिनट में ऑपरेशन थिएटर कहीं भी बनाया जा सकता है. इस खास पोर्टेबल हॉस्पिटल का नाम भीष्म क्यूब है.
आपदा में पोर्टेबल अस्पताल, भीष्म क्यूब फीचर्स, इमरजेंसी अस्पताल यूनिटयह दुनिया का पहला पोर्टेबल अस्पताल है, जिसे भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने बनाया है. पटना एम्स को भी इसकी एक यूनिट दी गई है. हाईटेक हेल्थ भीष्म को पहली बार जनवरी में अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान प्रदर्शित किया गया था. अब पटना एम्स में आज यानी 29 जुलाई को प्रदर्शित की जायेगी
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इस खास क्यूब में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और मॉनिटरिंग डिवाइस जैसी सुविधाएं मिलेंगी. एक क्यूब 72 मिनी क्यूब से बना होता है. इसमें 200 रोगियों तक का इलाज किया जा सकता है. बन्दूक की गोली लगने के घाव, जलने, सिर, रीढ़ की हड्डी और छाती की चोटों, छोटी सर्जरी, फ्रैक्चर और गंभीर बल्ड लॉस को कंट्रोल किया जा सकता है.
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अब यह तकनीक आम जनता की जान बचाने के लिए भारत में इस्तेमाल होगी. देश के सभी एम्स को एक एक यूनिट दी गई है. इसी सिलसिले में पटना एम्स को भी एक यूनिट मिला है. आज इसका एक डेमो पटना एम्स में किया जायेगा.