100 के नेपाली नोट पर नक्शे में तीन भारतीय इलाके

नई दिल्ली: नेपाल के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को 100 रुपये के नए नोट जारी किए, जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया है। इस नोट पर नेपाल का नया नक्शा छपा है, जिसमें तीन भारतीय इलाके कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा भी नजर आ रहे हैं।

उधर नेपाल भी इन इलाकों पर अपना दावा करता रहा है। लगभग पांच वर्ष पहले नेपाल ने अपना राजनीतिक मानचित्र संशोधित कर इन क्षेत्रों को शामिल किया था। अब पहली बार बैंक नोटों पर वही अपडेटेड मानचित्र प्रदर्शित किया गया है, जिसे लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने लगा है। जिस तरह से नेपाल ने उकसावे वाला कदम उठाया है उसे लेकर सवाल उठ रहे कि कहीं ये चीन की साजिश तो नहीं है।

नेपाल के नए नोटों में विवादित मैप को लेकर विवाद में चीन का एंगल इसलिए आ रहा क्योंकि नोटों की छपाई वहीं हो रही है। चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन (CBPMC) ने नेपाली 100 रुपये के तीन सौ मिलियन नोटों की छपाई के बाद आपूर्ति के लिए दिया। अब जैसे ही ये नोट चलन में आया तो विवाद बढ़ गया। दरअसल, 2015 तक भारत में ही नेपाली नोटों की छपाई होती थी। हालांकि, 2020 में नेपाल की तत्कालीन केपी शर्मा ओली सरकार ने भारत के तीन क्षेत्रों लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को नेपाल का हिस्सा घोषित कर दिया था।

इसी के बाद तत्कालीन ओली सरकार ने नेपाल का जो नया नक्शा बनाया उसमें इन तीनों क्षेत्रों को शामिल कर लिया, जो भारत को मंजूर नहीं था। भारत ने उस समय नेपाल की नई करेंसी को छापने के लिए तैयार नहीं हुआ और नेपाल इसी के इंतजार में था। उसने चीन से नोट छापने की अपील कर दी। ड्रैगन भी जैसे इस मौके के इंतजार में था। चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ने नेपाली नोटों की छपाई शुरू की। जो अपडेट मैप तत्कालीन ओली सरकार ने दिया था उसे ही नोट पर छपवा दिया गया।

अब सवाल ये भी उठ रहे कि क्या चीन ने ही नेपाल को उकसाकर ऐसा कदम उठवाया है। दरअसल, 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों में टकराव हुआ था। उस समय दोनों देशों के रिश्ते काफी बिगड़ गए थे। ऐसी चर्चा है कि उसी समय चीन ने नेपाल की तत्कालीन सरकार से करीबी बढ़ाई। इसी बीच नेपाल का अपडेटेड पॉलिटिकल मैप सुर्खियों में आया और विवाद बढ़ा। नेपाल की सरकार ने नोट छपवाने के लिए चीन का रुख किया।

नेपाल राष्ट्र बैंक के प्रवक्ता गुरु प्रसाद पौडेल ने बताया कि 100 रुपये के नोट पर मैप को सरकार के निर्णय के अनुरूप ही अपडेट किया गया है। नए 100 रुपये के नोट के बाईं ओर माउंट एवरेस्ट की तस्वीर है। दाईं ओर नेपाल के राष्ट्रीय फूल, रोडोडेंड्रोन का वॉटरमार्क है। नोट के बीच में हल्के हरे रंग में नेपाल का नक्शा छपा है।

नक्शे के पास अशोक स्तंभ भी बना है और ‘लुम्बिनी, भगवान बुद्ध का जन्मस्थान’ लिखा है। नोट के पीछे की तरफ एक सींग वाले गैंडे की तस्वीर है। इस नोट में एक सुरक्षा धागा और उभरा हुआ काला बिंदु भी है, जिससे दृष्टिबाधित लोग इसे आसानी से पहचान सकें।

नेपाल राष्ट्र बैंक की ओर से जारी इस नए नोट पर पूर्व गवर्नर महा प्रसाद अधिकारी के हस्ताक्षर हैं। मई 2020 में, जब केपी शर्मा ओली प्रधानमंत्री थे, तब नेपाल की संसद ने कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा इलाकों को शामिल करते हुए नक्शे को अपडेट किया था। नेपाल राष्ट्रीय बैंक के प्रवक्ता ने इस नक्शे के बारे में स्पष्ट किया कि यह नक्शा पुराने 100 रुपये के नोट पर भी था। इसे सरकार के फैसले के अनुसार ही संशोधित किया गया है। यह कोई नई बात नहीं है।

भारत का कहना है कि लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा उसके क्षेत्र हैं। 2020 में, भारत ने नेपाल के इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। भारत ने इसे एकतरफा कार्रवाई बताया था और चेतावनी दी थी कि क्षेत्रीय दावों का इस तरह कृत्रिम विस्तार स्वीकार्य नहीं होगा। यह भी बताया गया है कि नेपाल के अलग-अलग नोटों में से, जैसे कि 10, 50, 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर, केवल 100 रुपये के नोट पर ही नेपाल का नक्शा छपा होता है। बाकी नोटों पर नक्शा नहीं होता।

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