गाजा में तुर्की की सेना मंजूर नहीं

बुडापेस्ट: प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बाद इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने भी स्पष्ट किया है कि वे 20 सूत्रीय शांति योजना के तहत गाजा में ‘किसी भी देश की सेना’ को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें तुर्की की सेना मंजूर नहीं है। हंगरी के बुडापेस्ट में अपने समकक्ष पीटर सिज्जार्टो से मुलाकात के बाद उन्होंने ये बातें कहीं।

विदेश मंत्री गिदोन सार ने कहा कि इजरायल, फिलिस्तीनी इलाके में युद्ध को हमेशा के लिए खत्म करने के अमेरिकी प्लान के तहत गाजा में तुर्की की सेना की मौजूदगी को मंजूर नहीं करेगा। बुडापेस्ट में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सार ने कहा, “जो देश सेना भेजना चाहते हैं या तैयार हैं, उन्हें कम से कम इजरायल के प्रति निष्पक्ष होना चाहिए।”

कभी तुर्की और इजरायल के रिश्ते बहुत अच्छे हुआ करते थे, लेकिन अब ये काफी तल्ख हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने इजरायल के गाजा पर किए हवाई और जमीनी हमलों की कड़ी आलोचना की थी और उसके कामों की तुलना नाजियों से करते हुए देश पर नरसंहार का आरोप लगाया था। एर्दोगन हमास आतंकी समूह के खुले समर्थक रहे हैं।

सार ने पीटर सिज्जार्टो के सामने कहा, “एर्दोगन के नेतृत्व में तुर्की ने इजरायल के खिलाफ दुश्मनों सरीखा व्यवहार किया है। न केवल बयानों में तल्खी झलखी है, बल्कि डिप्लोमैटिक और आर्थिक स्तर पर भी रवैया नकारात्मक ही रहा है, इसलिए यह सही नहीं है कि हम उनकी सेना को गाजा पट्टी में घुसने दें। हम इससे सहमत नहीं हैं और हमने यह बात अपने अमेरिकी दोस्तों से भी कह दी है।”

इससे पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी कहा था कि इजरायल यह तय करेगा कि ट्रंप की शांति योजना के तहत गाजा में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय बलों में किन देशों के सैनिकों को अनुमति दी जाएगी। नेतन्याहू ने अपनी कैबिनेट को बताया था कि अपनी सुरक्षा के प्रति हम खुद जिम्मेदार हैं। यह इजरायल तय करेगा कि कौन से अंतरराष्ट्रीय बल हमारे लिए अस्वीकार्य हैं।

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