आतंकी हमले में नौसेना, IB अधिकारी सहित 26 लोगों की मौत

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर बड़ा आतंकी हमला हुआ है. अनंतनाग जिले के पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने एक प्रमुख पर्यटन स्थल पर घूमने आए पर्यटकों पर गोलीबारी की, जिसमें दो विदेशी पर्यटकों समेत 26 लोगों की मौत होने की खबर है. हमले में कई अन्य पर्यटक घायल हो गए. घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया.पहलगाम शहर के पास एक मशहूर घास के मैदान में आतंकवादियों की गोलीबारी में 26 लोग मारे गए, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे. रिपोर्ट के मुताबिक, मृतकों में पर्यटक, स्थानीय नागरिक और सेना के जवान शामिल हैं, जबकि कई अन्य घायल बताए जा रहे हैं.

इस हमले में मारे गए पर्यटकों में हैदराबाद के खुफिया ब्यूरो (आईबी) के एक अधिकारी, मनीष रंजन भी शामिल हैं. दुखद रूप से, उनकी पत्नी और बच्चों के सामने ही उन्हें गोली मार दी गई. बिहार के मूल निवासी रंजन हैदराबाद में तैनात थे और अपने परिवार के साथ लीव ट्रैवल कंसेशन (एलटीसी) यात्रा पर थे.वहीं, करनाल के रहने वाला इंडिनय नेवी के अफसर भी इस हमले में शहीद हो गए. 26 वर्षीय विनय नरवाल नौ सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर थे और उनकी पोस्टिंग केरल के कोच्ची में थी. 6 अप्रैल को उनकी शादी हुई थी, जिसके बाद वो पत्नी के साथ पहलगाम गए थे. मृतकों और घायलों की सूची यहां दी गई है.

हमले के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन चलाया. अधिकारियों ने बताया कि हमला बैसरन नामक घास के मैदान में हुआ, जहां सिर्फ पैदल या घोड़ों के जरिये ही पहुंचा जा सकता है. यहां आज सुबह पर्यटकों का एक समूह घूमने आया था.एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, बंदूकधारियों ने पर्यटकों पर नजदीक से गोलियां चलाईं, जिससे कई लोग घायल हो गए.अधिकारियों ने बताया कि एक हेलिकॉप्टर के जरिये घायलों को निकाला गया और अस्पताल पहुंचाया गया. उन्होंने बताया कि कुछ घायलों को स्थानीय लोगों ने घोड़ों के जरिये घास के मैदान से नीचे उतारा.

अधिकारियों ने बताया कि यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर हैं और पर्यटन तथा ट्रैकिंग का मौसम जोर पकड़ रहा है. यह हमला दोपहर करीब 3 बजे हुआ. पहलगाम के रिसॉर्ट शहर से करीब छह किलोमीटर दूर बैसरन घास का मैदान है, जो घने देवदार के जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है और देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है.

अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी घास के मैदान में घुस आए और उन्होंने खाने-पीने की दुकानों के आसपास घूम रहे, घोड़े की सवारी कर रहे या पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि गोलीबारी के बाद मदद के लिए चीख-पुकार सुनी जा रही थी, जबकि बेजान शव खून से लथपथ पड़े थे. कुछ लोगों का कहना है कि हमलावरों की संख्या पांच थी. एक महिला ने बताया कि आतंकवादियों ने पीड़ितों को गोली मारने से पहले उनका नाम पूछा.

रिपोर्ट के मुताबिक, बैसरन में एकत्र हुए पर्यटक कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात सहित कई राज्यों से थे. मारे गए लोगों में कर्नाटक के व्यवसायी मंजूनाथ राव भी शामिल थे, जो शिवमोगा के रहने वाले थे. राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मौत पर शोक जताया और अधिकारियों की बैठक बुलाई. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि कर्नाटक से अधिकारियों की एक टीम कश्मीर के लिए रवाना हुई.

कश्मीर में पर्यटकों को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है. अधिकारियों ने कहा कि यह संभव है कि टीआरएफ जम्मू के किश्तवाड़ से दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग के रास्ते बैसरन पहुंचा हो. इस बीच, सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचेंद्र कुमार उधमपुर से जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर पहुंच रहे हैं.पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एक महिला ने फोन पर बताया कि हमले में उसके पति के सिर में गोली लगी है, जबकि सात अन्य लोग भी हमले में घायल हुए हैं. महिला ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की गुहार लगाई.

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की कसम खाई. उपराज्यपाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मैं पहलगाम में पर्यटकों पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं. मैं लोगों को आश्वस्त करता हूं कि इस घृणित हमले के पीछे जो लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.”

उपराज्यपाल ने कहा कि उन्होंने पुलिस महानिदेशक और अन्य सुरक्षा अधिकारियों से बात की है और सेना और पुलिस की टीमों को तलाशी अभियान शुरू करने के लिए इलाके में भेजा गया है. उन्होंने कहा, “जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों को पहलगाम में भर्ती लोगों को तत्काल चिकित्सा सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया गया है. एक घायल पर्यटक को जीएमसी अनंतनाग ले जाया गया है. मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.”

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से स्तब्ध हैं. उन्होंने इसे जघन्य कृत्य बताया है. सीएम उमर आतंकवादी हमले के बाद रामबन से श्रीनगर लौट आए हैं. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “मृतकों की संख्या का अभी भी पता लगाया जा रहा है, इसलिए मैं उन विवरणों में नहीं जाना चाहता. स्थिति स्पष्ट होने पर उन्हें आधिकारिक रूप से सूचित किया जाएगा. कहने की जरूरत नहीं है कि यह हमला हाल के वर्षों में नागरिकों पर किए गए किसी भी हमले से कहीं ज्यादा बड़ा है.”

जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले की निंदा की है. पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वह पहलगाम में पर्यटकों पर हुए कायराना हमले की निंदा करती हैं.

उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ऐसी हिंसा अस्वीकार्य है और इसकी निंदा की जानी चाहिए. कश्मीर ने हमेशा पर्यटकों का गर्मजोशी से स्वागत किया है, इसलिए यह घटना बेहद चिंताजनक है. अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने और संभावित सुरक्षा चूक की जांच करने के लिए गहन जांच की जरूरत है.”मुफ्ती ने आगे कह कि आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोपरि है. भविष्य में हमलों को रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए.

पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि हमले में शामिल आतंकवादियों को जल्द ही खत्म कर दिया जाएगा और उनके समर्थकों और मददगारों से भी सख्ती से निपटा जाएगा. वहीं, पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले पर भाजपा नेता कविंदर गुप्ता ने कहा, “यह बहुत दुखद घटना है. इस तरह की घटनाओं से पर्यटकों में डर का माहौल पैदा होता है. आतंकवादियों का खात्मा किया जाना चाहिए.”

पहलगाम आतंकी हमले पर जम्मू-कश्मीर जेडीयू के अध्यक्ष जीएम शाहीन ने कहा कि यह घटना स्थानीय सरकार बनने के बाद हुई है. कम से कम राज्यपाल के शासन में, किसी नागरिक की हत्या की खबर नहीं आई. हमें 15-20 साल बाद ऐसी घटना देखने को मिली. जब भी जम्मू-कश्मीर में स्थानीय सरकारें बनी हैं, चाहे वह पीडीपी हो या एनसी (नेशनल कॉन्फ्रेंस), आतंकवाद को बढ़ावा मिला है.

जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन ने आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि आतंकवादी कश्मीरियों के सबसे बड़े दुश्मन हैं. उनकी जंग कश्मीरियों के आतिथ्य के खिलाफ है. आतंकी चाहते हैं कि पर्यटक कश्मीर छोड़ दें और कश्मीरियों के पास आजीविका का कोई स्रोत न हो. लोने कहा कि आतंकी हमारे बच्चों और आने वाली पीढ़ियों के दुश्मन हैं. निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाना सबसे बड़ा गुनाह है. उन्हें न तो यहां माफ किया जाएगा, न ही ईश्वर उन्हें माफ करेगा.

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस (जेकेपीसीसी) ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक कृत्य करार दिया. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा के नेतृत्व में पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं ने पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है. जेकेपीसीसी ने एक बयान में कहा कि निर्दोष पर्यटकों पर इस तरह के कायराना आतंकवादी हमले के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ. ऐसी घटनाएं बेहद निंदनीय हैं और सभ्य समाज में इनका कोई स्थान नहीं है.

कांग्रेस ने कहा, “इस घटना ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार के बड़े-बड़े दावों पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है. जेकेपीसीसी ने आग्रह किया है कि इस जघन्य अपराध के अपराधियों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए.”

पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने पर्यटकों की मदद के लिए चौबीसों घंटे चलने वाली इमरजेंसी हेल्पलाइन शुरू की है. आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, “अनंतनाग जिला प्रशासन ने सहायता या जानकारी की आवश्यकता वाले पर्यटकों के लिए 24×7 आपात हेल्प डेस्क स्थापित किया है. पर्यटक जानकारी या सहायता के लिए 01932222337, 7780885759, 9697982527 या 6006365245 पर संपर्क कर सकते हैं.”

उन्होंने कहा कि श्रीनगर में भी एक आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. पहलगाम आतंकवादी घटना के संबंध में सहायता के लिए पर्यटक 01942457543, 01942483651 या 7006058623 पर संपर्क कर सकते हैं.

यह आतंकी हमला ऐसे समय हुआ है जब कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है. साथ ही अमरनाथ तीर्थयात्रा 3 जुलाई से शुरू होने वाली है. देश भर से लाखों तीर्थयात्री दो मार्गों से अमरनाथ गुफा मंदिर की यात्रा करते हैं – दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले में बालटाल मार्ग.

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