शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीती सोमवार रात को 17 जगह बादल फटने के बाद 33 लोग लापता हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की ओर से लापता लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मंडी जिले में 15, जबकि कुल्लू और किन्नौर जिले में एक-एक जगह बादल फटा। बादल फटने, बारिश और भूस्खलन से सबसे ज्यादा नुकसान जिला मंडी में हुआ। मकान मिट्टी हो गए। मंडी में 16 लोगों समेत पूरे प्रदेश में 18 की जान चली गई है। दर्जनों लोग घायल हो गए हैं।
332 से अधिक लोगों को जगह-जगह से रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई गई है। अकेले मंडी जिले में 24 घर और 12 गोशालाएं जमींदोज हो गई हैं। 30 पशुओं की मौत हो गई है। कुकलाह के समीप पटीकरी प्रोजेक्ट बह गया है। कई पुल ध्वस्त हो गए हैं।
बादल फटने के बाद क्षेत्र में संचार सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हैं, जिससे संपर्क करना मुश्किल हो रहा है। इस बार मानसून सीजन बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन से 20 जून से 1 जुलाई तक 51 लोगों की माैत हो चुकी हैं। 103 घायल हुए हैं और 22 लापता हैं। अब 28,339.81 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि बीते 24 घंटे में बड़ा नुकसान प्रदेश को पहुंचा है। वायुसेना से मदद मांगी गई हैं। कई लोगों की जान चली गई है। कई लोग लापता हैं। आज मौसम साफ है। अब रेस्क्यू कार्य को गति देने के निर्देश दिए गए हैं।
बिजली बोर्ड और जलशक्ति विभाग के कर्मियों के अवकाश रद्द किए गए हैं। बिजली बहाली का कार्य युद्वस्तर पर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने हमीपुर से धर्मपुर रवाना होने से पहले नादौन में जनसमस्याएं सुनने के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी।
इसके बाद वह हमीरपुर में निर्माणाधीन बस स्टैंड का जायजा लेने पहुंचे। इसके बाद सीएम ने मंडी जिला के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के स्याठी गांव पहुंचकर भारी बारिश से हुई तबाही का जायजा लिया। धर्मपुर और आसपास के प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति पर स्थानीय विधायक चंद्रशेखर और जिला प्रशासन से विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
राहत कार्य को तेज और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए जरूरी निर्देश दिए। आगामी दिनों में मौसम को लेकर पूरी सतर्कता बरती जा रही है। राहत कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए हर स्तर पर सक्रिय और समन्वित प्रयास जारी हैं, जिससे प्रभावित लोगों को शीघ्र मदद पहुंचाई जा सके।
सीएम सुक्खू ने कहा कि यहां बेहद नुकसान हुआ है। 61 लोग जिनके घर इस भूस्खलन में बह गए, वे सब सुरक्षित हैं और उन्हें राहत कैंप में ठहराया गया है। बड़ी-बड़ी चट्टानों के खिसकने के कारणों की जांच जरूरी है। एक रात में 8-10 बादल फटने की घटना सामने आई हैं। कहीं न कहीं जलवायु परिवर्तन का असर भी नजर आता है।
नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कैंची मोड़ से रोपवे के माध्यम से बाखली और कुकलाह पहुंचे। उन्होंने आपदा प्रभावितों से मुलाकात की और उन्हें केंद्र व प्रदेश सरकार की तरफ से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्राकृतिक तौर पर जो त्रासदी इस क्षेत्र में हुई है, इससे पहले ऐसी त्रासदी कभी नहीं देखी।
उन्होंने कहा कि कुकलाह और बाखली पुल टूट चुके हैं और अब इस क्षेत्र के लोगों के लिए आवागमन का एकमात्र साधन रोपवे ही है। इसलिए इस रोपवे को लोगों की सुविधा के लिए 24 घंटे रियायती दरों पर बहाल रखा जाए। उन्होंने कहा कि लोगों को अपना राशन आदि का सामान ले जाने की भी यहीं से ही अनुमति भी दी जाए, क्योंकि और कोई विकल्प लोगों के पास मौजूद नहीं है।
जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार से सराज के अन्य क्षेत्रों में लोगों के रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने और राहत सामग्री को जल्द पहुंचाने की मांग भी रखी है। सरोआ पंचायत के उप प्रधाना देवेंद्र राणा उर्फ पम्मी ने बताया कि बारिश के दौरान जब यह आपदा आई तो एक छोटी सी खड्ड ने ऐसा रौद्र रूप धारण किया कि मंदिर की सराय और नाै परिवारों के घऱ, बाखली पुल, कुक्लाह पुल, गावों को जोड़ने वाली सड़कें, गाड़ियां और लोगों का घरेलू सामान सब कुछ पानी में बह गया। कुछ वाहन गाद में फंसे हुए हैं।
खड्ड के हर कोने में तबाही के निशान बिखरे हैं। अब तक सिर्फ पटवारी मौका देखने आया है बाकी कोई बड़ा प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा। न राशन मिला, न टेंट, न फौरी राहत। उन्होंने मांग की है कि बेघर हुए लोगों का तुरंत किसी सुरक्षित जगह रहने का इंतजाम किया जाए।
जयराम ने पैदल चलकर आपदा प्रभावित क्षेत्र सराज के बगस्याड़ पहुंचे। उन्होंने ने कहा कि आपदा राहत के लिए केंद्र की ओर से हेलीकॉप्टर भेजे गए हैं। प्रशासन से कहा है कि हेलीकॉप्टर से बचाव अभियान तेज किया जाए। जो भी बीमार और बुजुर्ग लोग आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे हैं, उन्हें निकाला जाए। जिन क्षेत्रों में सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, वहां पर तत्काल राशन और जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध करवाई जाएं।
सदर विधायक अनिल शर्मा ने मंडी शहर में भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने रघुनाथ का पधर, टारना , जेल रोड सहित अन्य जगहों का निरीक्षण किया और नगर निगम और प्रशासन को प्रभावितों को उचित राहत प्रदान करने के दिशा निर्देश दिए। और नगर निगम के आयुक्त को नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने और टारना में हुए लिंक रोड के निर्माण की गुणवत्ता को लेकर भी आयुक्त को जांच करने के बारे में कहा ।
उन्होंने जिला प्रशासन , आयुक्त नगर निगम, पुलिस और अग्निशमन विभाग का भी धन्यवाद किया कि आपदा में त्वरित कारवाही करते हुए प्रभावित लोगों को सही समय पर रेस्क्यू कर जान की हानि होने से बचाया। इस मौके पर नगर निगम के महापौर वीरेंद्र भट्ट, टारना वार्ड की पार्षद दीपाली जासवाल,पूर्व पार्षद बंसी लाल सहित वार्ड के लोग उपस्थित रहे।