दिल्ली :दिल्ली सरकार ने यू-टर्न लेते हुए पुराने वाहनों की जब्ती का अभियान रोक दिया। सरकार ने पुराने वाहनों पर लगे ईंधन प्रतिबंध को हटाने के लिए तकनीकी चुनौतियां एवं जटिल प्रणालियों का हवाला देते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को पत्र लिखा है। दिल्ली पुलिस ने भी बृहस्पतिवार को किसी भी उम्रदराज वाहन को जब्त नहीं किया।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि सरकार राजधानी में उम्र पूरी कर चुके वाहनों से प्रतिबंध हटाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी। सीएम के इस भरोसे के बाद पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सीएक्यूएम को पत्र लिखकर पुराने वाहनों की जब्ती के आदेश पर पुनर्विचार का आग्रह किया। पत्र में कहा है कि ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान प्रणाली (एएनपीआर) सिस्टम में तकनीकी खामियां हैं।
यह पूरे एनसीआर में लागू भी नहीं है। ऐसे में ईंधन प्रतिबंध का आदेश लागू करना जल्दबाजी है। सिरसा ने मीडिया से कहा, अभियान को लेकर नागरिकों में गुस्सा है और सरकार उनके साथ खड़ी है। सिरसा ने पत्र में कहा, शिकायतें मिली हैं कि पेट्रोल पंपों पर कैमरे ठीक से काम नहीं कर रहे।
उनमें तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। वाहनों पर कार्रवाई उनके प्रदूषण स्तर को देखकर की जानी चाहिए। बता दें कि एक जुलाई से दिल्ली सरकार ने 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल और 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों के ईंधन लेने पर प्रतिबंध लागू किया था। ब्यूरो
संतुलन जरूरी…दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार स्वच्छ, टिकाऊ परिवहन के लिए दीर्घकालिक समाधान पर कार्य कर रही है। किसी निर्णय को लागू करते समय नागरिकों की जरूरतों के साथ संतुलन भी जरूरी है। सीएक्यूएम का निर्णय लाखों परिवारों की रोजमर्रा की जिंदगी और आजीविका को प्रभावित कर रहा है।
-रेखा गुप्ता, सीएम
स्वचालित नंबर प्लेट पहचान सिस्टम में तकनीकी खामियां, एएनपीआर कैमरे अधिकांश स्थानों पर स्थापित किए गए हैं, लेकिन इससे अपेक्षित परिणाम नहीं मिल रहे हैं।कैमरा प्लेसमेंट सेंसर और स्पीकर का काम न करना जैसी समस्याएं हैं। जटिल प्रणाली और पड़ोसी राज्यों से एकीकरण की कमी।एएनपीआर प्रणाली पड़ोसी राज्यों में लागू नहीं की गई है। पड़ोसी जिलों में ईंधन स्टेशनों पर एएनपीआर कैमरे स्थापित नहीं किए गए हैं। इसकी वजह से लोगों में असंतोष।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के 2018 के फैसले में दिल्ली में दस साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई थी। इसी तरह, 2014 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने सार्वजनिक जगहों पर 15 साल पुराने वाहनों के पार्क करने पर रोक लगा रखी है।