आतंकवाद का समर्थन स्वीकार्य नहीं: पीएम मोदी

नई दिल्ली। आतंकवाद के विरुद्ध आक्रामक कूटनीति जारी रखते हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसको लेकर जोरदार तरीके से भारत का पक्ष रखा। अप्रैल में हुए पहलगाम हमले को पूरी मानवता पर आघात बताते हुए भारतीय प्रधानमंत्री ने वैश्विक शक्तियों से आह्वान किया कि वह आतंकवाद को लेकर दोहरा रुख नहीं अपनाएं। उन्होंने आतंकियों के विरुद्ध प्रतिबंध लगाने में किसी तरह का संकोच नहीं दिखाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि निजी व राजनीतिक स्वार्थ के लिए आतंकवाद का समर्थन कतई स्वीकार्य नहीं है।

प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान के कुछ ही देर बाद ब्रिक्स नेताओं की तरफ से घोषणा पत्र जारी किया गया जिसमें 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर (पहलगाम) में हुए आतंकी हमले को पूरी तरह से अनुचित बताते हुए इसकी कड़े शब्दों में निंदा की गई। ब्रिक्स ने हर देश से आतंकवाद के विरुद्ध जीरो-टोलरेंस की नीति अपनाने की भारत की मांग दोहराते हुए इस बारे में दोहरे मानदंडों को समाप्त करने की भी बात कही।

ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरियो में जारी घोषणा पत्र में कहा गया है, ‘जम्मू व कश्मीर में 22 अप्रैल के आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की हत्या हुई और कई लोग घायल हुए हैं, की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। हम सीमा पार आतंकवाद, आतंकियों का वित्तपोषण व उन्हें सुरक्षित पनाह देने समेत हर तरह के आतंकवाद के विरुद्ध अपनी प्रतिबद्धता जताते हैं।’

ब्रिक्स देशों में आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग के मौजूदा ढांचे को और मजबूत बनाने पर भी बात हुई है। इसमें सभी देशों से आग्रह किया गया है कि वह संयुक्त राष्ट्र के नियमों के मुताबिक घोषित अतंरराष्ट्रीय आतंकियों व आतंकी संगठनों के विरुद्ध कदम उठाएं। अगले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता भारत करेगा।

इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने सभी सदस्य देशों को भारत आमंत्रित भी किया। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दो सत्रों को मोदी ने संबोधित किया। एक सत्र में उनका जोर वैश्विक संस्थानों में सुधार को लेकर था, तो शांति व सुरक्षा विषय पर आयोजित दूसरे सत्र में उनका भाषण पूरी तरह से आतंकवाद पर केंद्रित था।

शांति व सुरक्षा सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आतंकवाद आज मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती बनकर खड़ा है। हाल ही में भारत ने एक अमानवीय और कायरतापूर्ण आतंकी हमले का सामना किया। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला भारत की आत्मा, अस्मिता और गरिमा पर सीधा प्रहार था।

उन्होंने कहा कि यह हमला केवल भारत पर नहीं, पूरी मानवता पर आघात था। आतंकवाद की निंदा हमारा सिद्धांत होना चाहिए, केवल सुविधा नहीं। आतंकवाद को लेकर कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। अगर हम यह नहीं कर सकते तो यह प्रश्न स्वाभाविक है कि क्या आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई को लेकर हम गंभीर हैं भी या नहीं।’

मोदी शनिवार देर रात ब्राजील पहुंचे थे। जहां रविवार को शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ। इसमें वैसे चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन जैसे शीर्ष नेताओं ने हिस्सा नहीं लिया।

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद वह ब्राजील की द्विपक्षीय यात्रा शुरू करेंगे। सोमवार को उनकी राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी। ब्राजील के बाद प्रधानमंत्री मोदी नामीबिया की यात्रा पर भी जाएंगे।

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