नई दिल्ली: उत्तर पश्चिम से लेकर मध्य भारत तक प्रचंड गर्मी का प्रकोप बना हुआ है। पंजाब में तो पारा 43 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है, जबकि राजस्थान में कुछ जगहों पर 45 डिग्री के आसपास बना हुआ है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन राजस्थान और गुजरात में लू का अलर्ट जारी किया। वहीं, हिमाचल समेत पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में बारिश और ओलावृष्टि हो रही है, जिसके 20 अप्रैल तक जारी रहने का अनुमान है। हिमाचल के लिए बारिश और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, 18 अप्रैल तक उत्तर-पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि और उसके बाद के 3-4 दिनों के दौरान 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है। अगले 4 दिनों के दौरान मध्य भारत में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि की संभावना है। महाराष्ट्र में अगले 24 घंटे बाद और गुजरात में अगले दो दिन बाद तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।
19 अप्रैल तक राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर लू चल सकती है। 17 अप्रैल को गुजरात में गर्व हवाएं चलेंगी। इस दौरान केरल और माहे में गर्म और आर्द्र मौसम रहने की संभावना है। 18 अप्रैल तक राजस्थान के कई हिस्सों और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में रात में भी गर्मी महसूस की जा सकती है।
केंद्र की ओर जारी पूर्वानुमान के अनुसार आज (बृहस्पतिवार) उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश होने के आसार हैं। इसके साथ ही इन जिलों के कुछ इलाकों में तेज गर्जन के साथ बिजली चमकने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि अन्य जिलों में मौसम शुष्क रहेगा।
आने वाले दिनों की बात करें तो 18 अप्रैल को देहरादून समेत उत्तरकाशी, टिहरी व नैनीताल में बारिश और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अगले दिन 19 अप्रैल को भी प्रदेश के अधिकतर जिलों के लिए भी बारिश और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा झोंकेदार हवाएं भी मौसम को बदलने में पूरा सहयोग करेंगी।
पंजाब में बुधवार को पारा 43.3 डिग्री पहुंच गया। पंजाब के अधिकतम तापमान में 1.3 डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई। यह सामान्य से 2.3 डिग्री ऊपर है। बृहस्पतिवार को भी मौसम शुष्क रहने की संभावना है। 18 अप्रैल से मौसम का मिजाज बदलेगा और दो दिन 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी। इस दौरान कुछ जगहों पर बारिश की भी संभावना है। इससे तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट के साथ गरमी से कुछ राहत मिल सकती है।
18 और 19 अप्रैल को पूरे हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, ओलावृष्टि और 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का ऑरेंज अलर्ट है। 18 से 20 तक तीन दिन पूरे प्रदेश में भारी बारिश की आशंका है। 21 को भी मौसम खराब रहने के आसार हैं। मौसम खराब रहने के मद्देनजर एहतियातन एडवायजरी जारी की गई है।
हिमाचल प्रदेश में लाहौल घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में बुधवार देर शाम हल्का हिमपात और निचले इलाकों में बारिश हुई। इस कारण तापमान अचानक लुढ़कने से घाटी में ठंड बढ़ गई है। रोहतांग दर्रा, कुंजम, बारालाचा, शिंकुला समेत चोटियों पर हल्की बर्फबारी और केलांग समेत पट्टन के रिहायशी इलाकों में बारिश हुई। राजधानी शिमला में हल्के बादल छाए रहे। हालांकि हिमाचल के अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ रहा।
खराब मौसम और देर से हुई बर्फबारी के कारण सामरिक महत्व का मनाली-लेह मार्ग इस बार करीब एक माह देरी से बहाल होगा। बीते साल यह मार्ग 23 अप्रैल को यातायात के लिए खुला था। दारचा से आगे बारालाचा दर्रा के आसपास लगातार खराब मौसम के बावजूद सीमा सड़क संगठन के 70 आरसीसी ने मनाली-लेह को बहाल करने में पूरी ताकत झोंक दी है।
हालांकि, अभी लगभग 57 किमी के रास्ते से बर्फ और मलबा हटाना बाकी है। समुद्र तल से करीब 13,000 फीट ऊंचाई वाले इस क्षेत्र में रोजाना बर्फबारी हो रही है, जिस कारण यहां दिन का पारा शून्य से 12 डिग्री नीचे चल रहा है। दारचा से आगे मनाली-लेह मार्ग पर 40 से 50 फुट तक ऊंची हिमखंड की दीवारें खड़ी हैं, जिन्हें काटकर हटाना बड़ी चुनौती है।
मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार सुबह 8:30 बजे तक बीते 24 घंटे के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, आंतरिक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा, तेलंगाना, असम और मेघालय में अलग-अलग स्थानों पर बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई।
इसके अलावा, ओडिशा, विदर्भ, छत्तीसगढ़, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, झारखंड में अलग-अलग स्थानों पर आंधी के साथ तूफान आया। वहीं, तेलंगाना, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा दर्ज की गई।