नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 हिंदू पर्यटकों के नरसंहार के बाद भारत लगातार पाकिस्तान पर नकेल कसते जा रहे हैं. इस तरफ दोनों देशों की सेना आमने-सामने हैं. भारत सरकार ने अपनी सेना को खुली छूट दे दी है. इसके साथ ही अन्य मोर्चों पर भी कदम उठाए जा रहे हैं.
इसी क्रम में भारत ने चेनाब दरिया का डैम बंद कर दिया है. भारत सरकार ने सिंधु जल संधि तोड़ने के करीब 10 दिनों के भीतर यह कदम उठाया है. इससे पाकिस्तान के पंजाब प्रांत को चेनाब नदी से मिलने वाले पानी में भारी कटौती हो सकती है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने चेनाब पर बने बगलिहार डैम के फाटक को बंद कर दिया है. इससे पाकिस्तान की तरफ जाने वाले चेनाब के पानी में भारी कमी आ गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चेनाब पर बगलिहार डैम को रन ऑफ द रिवर हाईड्रो पावर प्लांट के बनाया गया था. यानी इस डैम से पानी के बहाव को अभी तक रोका नहीं जा रहा था.
पानी के बहाव को बाधित किए बिना बिजली पैदा की जा रही थी. संधि जल संधि के तहत जिन छह नदियों का जिक्र है उसमें चेनाब भी शामिल है. यह पश्चिमी नदी है और संधि के मुताबिक इस नदी के पानी का इस्तेमाल भारत पन बिजली उत्पादन के लिए कर सकता है.
अधिकारियों का कहना है कि इस डैम के फाटक बंद किए जाने से पाकिस्तान के पंजाब इलाके में पानी की भारी किल्लत पैदा हो सकती है. इस नदी के पानी से ही पाकिस्तान के पंजाब में खेतों की सिंचाई होती है. इसी तरह झेलम नदी पर बने किशनगंगा बांध पर भी ऐसे ही कदम उठाने की तैयारी हो रही है.
भारत ने हमले के चंद दिनों के भीतर इस संधि से बाहर निकलने की घोषणा की थी. यह संधि 1960 के दशक में वर्ल्ड बैंक की पहल पर हुई थी. संधि के मुताबिक सिंधु की छह सहायक नदियों में से तीन का पानी भारत और तीन का पानी पाकिस्तान को मिला था.
पश्चिम नदियों का पानी पाकिस्तान को मिलता था. इस संधि को लेकर भारत में लंबे समय से सवाल उठाए जाते रहे हैं. एक बड़ा वर्ग मानता है कि तत्कालीन पीएम दिवंगत जवाहरलाल नेहरू में इस संधि में दरियादिली दिखाई और पाकिस्तानी को बहुत ज्यादा पानी दे दिया.
इस बीच दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है. अरब सागर में भारतीय नौसेना जबर्दस्त युद्धाभ्यास कर रही है. वहीं. पाकिस्तान इस तनाव की घड़ी में आतंकवादी सरगनाओं के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय भारत को उकसाने वाले कदम उठा रहा है.
शनिवार को पाकिस्तान ने सतह से सतह पर मार करने वाली बैलेस्टिक मिसाइल अब्दाली का परीक्षण किया. जानकार बता रहे हैं कि इस मिसाइल की रेंज 450 किमी है. लेकिन, भारत के पास इस श्रेणी में इससे कहीं कई गुना बेहतर और लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल अग्नि है.