भारत से लेकर थाईलैंड तक जल रहा है एशिया !

मनीला: अभी मई शुरू भी नहीं हुई है लेकिन देश के अधिकांश इलाकों में गर्मी का सितम शुरू हो गया है। कई हिस्सों में तापमान 40 डिग्री के पार रिकॉर्ड किया जा चुका है, लेकिन गर्मी का ये आलम सिर्फ भारत तक ही नहीं है। दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में रहने वाले करोड़ों लोगों का हाल गर्मी से बेहाल है। अत्यधिक गर्मी के चलते बांग्लादेश और फिलीपींस में सरकारों को स्कूलों को बंद करने का आदेश देना पड़ा।

भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, थाइलैंड और कंबोडिया से लेकर फिलीपींस तक दक्षिण एशिया का इलाका अत्यधिक गर्मी की मार से परेशान है। बैंकॉक में तो पारा 52 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया, जिसके बाद थाइलैंड को गुरुवार को ताजा चेतावनी जारी करनी पड़ी। थाईलैंड की सरकार ने बताया है कि इस साल हीटस्ट्रोक से अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। आखिर इसकी वजह क्या है,

वैज्ञानिक ने पाया है कि जलवाय परिवर्तन के चलते हीटवेब लंबी और तेज हो रही हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इसी सप्ताह कहा है कि 2023 में एशिया जलवायु और मौसम के खतरों से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र था। फिलीपींस में मार्च, अप्रैल और मई के महीने आम तौर पर गर्म होते हैं,

लेकिन इस साल अल नीनो प्रभाव के कारण स्थिति और खराब हो गई है। फिलीपींस में सूखे के चलते कई इलाकों में जलस्तर नीचे जा रहा है। फिलीपींस के लगभग आधे प्रांत में आधिकारिक तौर पर सूखा घोषित है। घटते जलस्तर के चलते फिलीपींस में कई हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट पर उत्पादन रोकना पड़ा है।

भारत के पड़ोसी बांग्लादेश के अधिकांश हिस्से में पिछले सप्ताह तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था। गर्मी के चलते बांग्लादेश में हजारों लोग मस्जिदों और मैदानों में प्रार्थना करने के लिए इकठ्ठा हुए और इससे निजात के लिए दुआ मांगी। गर्मी के चलते देश भर में स्कूलों को बंद कर दिया है, लेकिन इस फैसले ने शिक्षाविदों की चिंता बढ़ा दी है क्योंकि इससे पढ़ाई बाधित होगी।

बढ़ती गर्मी के बीच भारत में आम चुनाव का जोर है। शुक्रवार को दूसरे चरण का मतदान हुआ, जिसमें देश के 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों पर वोट डाले गए। इस दौरान भीषण गर्मी के बीच लोग कतारों में खड़े नजर आए।

हालांकि, तमाम प्रयासों के बावजूद 2019 की तुलना में इन सीटों पर मतदान में 4 फीसदी कमी देखी गई। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि औसत से अधिक तामपान इसके लिए जिम्मेदार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मतदान से पहले सोशल मीडिया पर लोगों से बड़ी संख्या में मतदान में हिस्सा लेने की अपील की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *