बर्ड फ्लू की चपेट में भारत, मुर्गे व अंडों की बिक्री पर प्रतिबंध !

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के साथ ही केरल भी बर्ड फ्लू की चपेट में आ गया है। उक्त राज्यों में पिछले कुछ दिनों में ही सैकड़ों पक्षियों की मौत हो गई है। यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। राज्य सरकारों ने अलर्ट जारी करने के साथ ही स्थिति पर काबू पाने के लिए सक्रियता बढ़ा दी है।

उधर, बिहार, झारखंड व उत्तराखंड में राज्य सरकारों ने सतर्कता बरतते हुए अलर्ट जारी किया है। बताया जाता है कि एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस से होने वाली इस बीमारी से पक्षी ही नहीं, मनुष्य भी प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में सावधानी बरतते हुए हिमाचल प्रदेश में मछली, मुर्गे व अंडों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में अंतरराष्ट्रीय रामसर वेटलैंड पौंग बांध में विदेशी परिंदों की मौत बर्ड फ्लू से हुई है। भोपाल स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान ने विदेशी परिंदों की एच5एन1 फ्लू से मौत की पुष्टि की है। इसे एवियन इन्फ्लुएंजा भी कहा जाता है। इससे पहले जालंधर और पालमपुर के कृषि विश्वविद्यालय में हुई जांच में वायरल की पुष्टि तो हुई थी, लेकिन फ्लू के प्रकार का पता नहीं चल पाया था।

पौंग झील में अब तक 15 प्रजातियों के 1700 से अधिक विदेशी परिंदे दम तोड़ चुके हैं। ऐसे में प्रशासन ने पर्यटन गतिविधियों को बंद कर दिया है। वहीं, जांच के लिए वाइलड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया, देहरादून से तीन सदस्यीय टीम भी पौंग डैम पहुंच गई है।

 

राजस्थान में बर्ड फ्लू के चलते कौओं की मौत का सिलसिला जारी है। सोमवार को भी प्रदेश में 110 पक्षियों की मौत हुई है। प्रदेश में अब तक 500 से अधिक कौओं की मौत हो चुकी है। इससे चिंतित राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य सरकार के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया से बर्ड फ्लू पर नियंत्रण को लेकर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी मांगी है।

 

मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू के मामलों की शुरुआत इंदौर शहर से हुई थी। यहां पिछले एक सप्ताह में डेली कालेज परिसर में 148 कौओं की मौत हो चुकी है। इसमें से दो कौओं के शव के सैंपल भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी लैब में भेजे गए थे। उनमें बर्ड फ्लू के वायरस की पुष्टि हुई थी।

इंदौर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेली कालेज परिसर के एक किमी के दायरे में रहने वाले लोगों की स्क्रीनिंग के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की टीम भेजी गई और वहां जिन लोगों में सर्दी, खांसी व बुखार के लक्षण मिले हैं, उनका कोरोना टेस्ट करवाया गया। इसके अलावा मंदसौर जिले में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है।

इस बीमारी से पक्षी ही नहीं, इंसान भी प्रभावित हो सकते हैं। मुर्गियों और संक्रमित पक्षियों के पास रहने इन्सान पीडि़त हो सकते हैं। इसका वायरस आंख, मुंह और नाक के जरिये इन्सानों के शरीर में प्रवेश कर जाता है।

बर्ड फ्लू के लक्षण आमतौर पर सामान्य फ्लू की तरह ही होते हैं। एच5एन1 ऐसा फ्लू है, जो पक्षी के फेफड़ों पर हमला करता है। इससे न्यूमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। सांस का उखड़ना, गले में खराश, तेज बुखार, मांसपेशियों और पेट दर्द आदि इसके लक्षण हैं। छाती में दर्द और दस्त भी इसी के लक्षण हैं।

जिस इलाके में संक्रमण फैला है, उसमें जाते समय एहतियात बरतें। मास्क लगाकर ही जाएं। नॉनवेज खरीदते समय साफ-सफाई का ख्याल रखें।

पक्षियों से दूर रहना चाहिए

‘इस समय बर्डफ्लू खतरनाक है। ऐसे में पक्षियों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि यह मनुष्यों में भी फैल सकता है।

-डॉ. राजेश शर्मा, सेवानिवृत्त प्रोफेसर मेडिसिन, राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज टांडा, कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह। (एएनआइ)

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