फ्रांस में सत्ता परिवर्तन? 80,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती के बावजूद बवाल जारी

पेरिस: फ्रांस में प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू की सरकार गिरने के बाद शुरू हुए प्रदर्शन तेज हो गए हैं। राजधानी पेरिस समेत कई बड़े शहरों में हजारों लोग सड़कों पर हैं। प्रदर्शनकारियों की ओर से आगजनी और तोड़फोड़ की गई है। पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए चीजों को सामान्य करने की कोशिश की है, जिससे हालात और बिगड़े हैं।

ऑनलाइन शुरू हुएविरोध प्रदर्शन के देशभर में फैलने और 250 से ज्यादा गिरफ्तारियों की बाद पेरिस में हलचल है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी संकट में दिख रहे हैं। ये विरोध प्रदर्शन मैक्रों के पहले और दूसरे कार्यकाल में हुए छिटपुट प्रदर्शनों की तुलना में गंभीर है। ऐसे में ये चर्चा शुरू हो गई है कि क्या मैक्रों इस्तीफा दे देंगे।

फ्रांस में बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने ब्लॉक एवरीथिंग आंदोलन के बैनर तले सड़कें जाम करते हुए आगजनी की और रेल यातायात बाधित किया। यह विरोध प्रदर्शन असंतोष की अभिव्यक्ति के तौर पर सामने आए हैं। इसका कोई केंद्रीकृत नेतृत्व नहीं है। सोशल मीडिया पर ही एक संगठन बनाया गया और इसके बाद लोग सड़कों पर उतर आए।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रदर्शन रोकने के लिए देशभर में 80,000 पुलिस अधिकारियों को तैनात किया है। इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों पर काबू में सरकार नाकाम दिखी है। इससे राष्ट्रपति मैक्रों पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है। साल 2022 में दोबारा प्रेसिडेंट चुने जाने के बाद से मैक्रों पर ये इस्तीफे का सबसे गंभीर दबाव है। बुधवार के विरोध प्रदर्शन में भी मैक्रों के इस्तीफे की मांग प्रमुखता से हुई है।

प्रदर्शनकारियों ने मैक्रों के अपने सहयोगी को प्रधानमंत्री नियुक्त करने के फैसले पर नाराजगी जताई है। कई प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कहा कि फ्रांस को बदलाव की जरूरत है। देश में मंत्री और पीएम नहीं प्रेसिडेंट बदला जाना चाहिए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि देश में समस्या की वजह मैक्रों हैं कोई मंत्री परेशानी की वजह नहीं है।

फ्रांस में बार-बार हो रहे विरोध प्रदर्शन और के बावजूद मैक्रों ने कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे। सरकार की ओर से विरोध प्रदर्शनों को एक शरारत की तरह देखा जा रहा है। हालांकि ये आने वाले दिनों पर तय करेगा कि इनका रुख क्या होगा। विरोध प्रदर्शन अगर जारी रहते हैं तो फिर मैक्रों के लिए राष्ट्रपति बने रहना मुश्किल हो सकता है।

फ्रांस के विरोध प्रदर्शनों की वजह बढ़ती महंगाई और सरकार की कार्यशैली से नाराजगी है। प्रदर्शनकारी विशेष रूप से फ्रांस के बढ़ते कर्ज से निपटने के लिए लागू किए गए बजट कटौती का विरोध कर रहे हैं। फ्रांस्वा बायरू को पीएम पद से हटाए जाने से राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ गई है। इससे आंदोलन और ज्यादा तेज हो गया है।

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