मजदूरों को निकालने की है पूरी तैयारी

उत्तरकाशी। चारधाम ऑलवेदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए बचाव अभियान (Uttarkashi Tunnel Rescue Operation) चल रहा है। पिछले 16 दिनों से टनल के अंदर फंसे श्रमिकों का स्वास्थ्य ठीक है। लगातार पाइप के जरिए श्रमिकों को खाना पहुंचाया जा रहा है। आज उम्मीद की जा रही है सभी मजदूर सकुशल बाहर आ जाएंगे।

जियो के कर्मचारी वर्टिकल ड्रिलिंग करने वालों की मदद कर रहे हैं। इस वर्टिकल लोकेशन पर 12 घंटे के भीतर जियो की डेटा और वॉयस सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स लगातार सिल्कयारा सुरंग के पास ही हैं। वह रेस्क्यू पर नजर बनाए हुए हैं। आज 41 श्रमिकों की सुरक्षित निकासी के लिए एक पुजारी के साथ अर्नोल्ड डिक्स भी प्रार्थना करते नजर आए।

सिलक्यारा सुरंग में रेस्क्यू कार्य लगातार जारी है रैट माइनर की टीम एस्केप टनल बनाने के काम में लगातार जुटी हुई है। 55 मीटर टनल बनाई जा चुकी है अब 3 से 4 मीटर ही टनल शेष रह गई है।स्वास्थ्य विभाग ने सुरंग के अंदर अस्थायी कैंप बनाने की तैयारी की शुरू। यहीं की जाएगी बाहर निकाले जाने वाले श्रमिकों की प्राथमिक स्वास्थ्य जांच। इसके बाद सीधे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ अथवा जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी ले जाया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सुरंग में फंसे श्रमिकों का कुशल क्षेम जाना। प्रधानमंत्री ने ड्रिलिंग के संबंध में संपूर्ण जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा अंदर फंसे श्रमिकों के साथ ही बाहर राहत बचाव कार्य में जुटे लोगों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा अंदर फंसे श्रमिकों के परिजनों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो। साथ ही प्रधानमंत्री ने आगामी रणनीति पर भी चर्चा की।

अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि हम पहले भी सकारात्मक रहे हैं और मैं आज भी सकारात्मक हूं। आज पहला दिन है जब मैंने कहा कि मुझे अच्छा लग रहा है। पहाड़ की चोटी पर ड्रिलिंग बिल्कुल सही हो रही है। सुरंग में भी ड्रिलिंग का काम अच्छा चल रहा है। पहाड़ ने हमें एक बात बताई है, वह है विनम्र होना…41 आदमी, जल्द ही अपने घर सुरक्षित जाएंगे।

उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे हुए 41 मजदूरों के परिजनों को तैयार रहने और मजदूरों के कपड़े और बैग तैयार रखने को कहा गया है। मजदूरों को रेस्क्यू कर बाहर निकालकर चिन्यालीसौड़ अस्पताल ले जाया जाएगा। इसकी भी तैयारियां तेज कर दी गई हैं।

सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए बचाव अभियान निरंतर जारी है। मैनुएल ड्रिलिंग करीब 54 मीटर के करीब पहुंचने वाली है। सुरंग के आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। साथ ही सुरंग के मुहाने में अधिकारियों की गतिविधि निरंतर जारी है। पीएमओ की टीम भी मौके पर मौजूद हैं । जिनमें प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे और पीएमओ में उपसचिव मंगेश घिल्डियाल भी मौके पर मौजूद है।

उत्तरकाशी टनल हादसे के रेस्क्यू ऑपरेशन में मौसम बाधा बन रहा है। रुड़की और आसपास के क्षेत्र में रात से ही बादल छाए हुए हैं अल सुबह बूंदाबांदी भी हुई है। इसके साथ ही ठंड बढ़ गई है। ऐसे में रेस्क्यू में दिक्कत आ रही है।

ट्राला चालक राजू बिष्ट ने बताया कि वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए मशीन सिलक्यारा के निकट पहुंची है।‌ यह मशीन सोमवार को सुबह 5:00 बजे से लेकर रात 1:00 बजे तक धरासू बैंड के पास ही फंसी रही। सड़क मार्ग सुरक्षित नहीं मिली। ऋषिकेश से यहां मशीन शनिवार को चली थी जो रविवार को कमांद तक ही पहुंच पाई। फिर वहां से ट्राला बदलना पड़ा।

सीएम पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी पहुंचे। उन्होंने रेस्क्यू का जायजा लिया। सीएम धामी ने अपडेट देते हुए कहा कि सभी इंजीनियर, विशेषज्ञ और अन्य लोग पूरी ताकत से काम कर रहे हैं। अभी तक पाइप 52 मीटर अंदर तक चला गया है। जिस तरह से काम चल रहा है, हमें उम्मीद है कि जल्द ही कोई सफलता मिलेगी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिल्कयारा पहुंचे। सिल्कयारा सुरंग हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है सिल्कयारा सुरंग के दृश्य जहां 41 श्रमिकों को बचाने का अभियान जारी है। बचाव सुरंग के अंदर मैनुअल ड्रिलिंग चल रही है और पाइप को धकेलने के लिए ऑगर मशीन का उपयोग किया जा रहा है। अंतिम अद्यतन के अनुसार, लगभग 2 मीटर की मैनुअल ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है।

माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा कि कल रात रेस्क्यू ऑपरेशन बहुत अच्छा हुआ। हम 50 मीटर पार कर चुके हैं। अब लगभग 5-6 मीटर जाना बाकी है…कल रात हमारे सामने कोई बाधा नहीं थी। यह बहुत अच्छा लग रहा है सकारात्मक तरीके से हम आगे बढ़ रहे हैं।सुरंग के अंदर चल रही मैनुअल ड्रिलिंग का पहला दृश्य सामने आया है। पाइप को अंदर डालने के लिएऑगर मशीन का उपयोग किया जा रहा है। अब तक करीब 2 मीटर मैनुअल ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है।

तीसरी कार्ययोजना का इस्तेमाल तब किया जाएगा जब टनल में डाले गए पाइप पुश करने का प्रयास सफल नहीं होगा तो रैट माइनर्स सुरंग में एक से डेढ़ मीटर की मैनुअल ड्रिलिंग करेंगे। इसके बाद इस स्थान पर एक विशेष सीमेंटिंग स्प्रे किया जाएगा ताकि यहां से मलबा नीचे न गिरे। फिर ड्रिफ्ट बनाने के लिए बाहर पाइप को 10 से 12 इंच के तीन लंबवत टुकडों में काट कर पाइप के भीतर काम कर रहे कार्मिकों तक भेजा जाएगा, जो इन्हें एंगल वेल्ड कर पाइप के अग्रिम सिरे में जोड़ेंगे।

राहत एवं बचाव अभियान के 16वें दिन इन श्रमिकों को जल्द सकुशल बाहर निकालने की उम्मीद बलवती होती दिखी। श्रमिकों तक पहुंचने के लिए सुरंग के ऊपरी हिस्से से एसजेवीएनएल वर्टिकल ड्रिलिंग की गई, जबकि सिलक्यारा की तरफ से स्टील पाइप की हारिजांटल निकास सुरंग बनाने को रैट माइनर्स की टीम मोर्चे पर डटी रही।

एनडीएमए के सदस्य (सेनि.) ले. जनरल सैयद अता हसनैन ने सिलक्यारा में चल रहे बचाव अभियान में मौसम ने भी साथ दिया। सोमवार को अधिकांश समय बादल छाए रहे। मौसम विभाग ने ऊंचाई वाले क्षेत्रों में वर्षा की संभावना जताई थी। इससे बचाव दलों की चिंता बढ़ी हुई थी। मगर मौसम अनुकूल रहने से बचाव दलों ने राहत की सांस ली और बचाव कार्य जारी रहा।

एसजेवीएनएल ने 36 मीटर ड्रिलिंग पूरी कर ली है। सुरंग के मुहाने की तरफ से बन रही निकास सुरंग की ड्रिलिंग के दौरान फंसे औगर मशीन के हिस्सों को भी 70 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद काटकर निकाल लिया गया है। इस तरफ से 86 से 88 मीटर ड्रिलिंग की जानी है।

मैनुअल कटिंग के लिए मोर्चे पर रैट माइनर्स जुटे हुए हैं, सुरंग के नौ से 12 मीटर को मैनुअल तरीके से कटिंग के लिए रैट माइनर्स की टीम जुटी हुई है। रैट माइनर्स ने लगभग डेढ़ मीटर सुरंग खोद ली है। इस दिशा से अब तक 49.5 मीटर सुरंग तैयार हो गई है। रैट माइनर्स जैसे-जैसे सुरंग खोद रहे हैं वैसे-वैसे औगर मशीन से 800 मिमी व्यास के पाइप को भीतर धकेला रहा है।

ओडिशा के श्रम मंत्री शारदा प्रसाद नायक ने सिलक्यारा टनल में ओडिशा के श्रमिकों से बात की। श्रम मंत्री ने बताया कि घटना के तुरंत बाद ओडिशा सरकार ने दो अधिकारियों को सिलक्यारा भेजा था, जो अभी तक यहीं कैंप कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी तीन श्रमिकों के स्वजन को लेकर आए हैं। उनकी तीन श्रमिकों से बातचीत हुई है।भगवान जगन्नाथ की कृपा से सभी सकुशल अपने घर जाएंगे। बता दें कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में ओडिशा के पांच श्रमिक फंसे हुए हैं।

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