ड्रोन हमले ने मचाई तबाही, 33 मासूम बच्चों सहित 50 की मौत

खार्तूम: सूडान की पैरामिलिट्री फोर्स के ड्रोन हमले में 50 लोगों की मौत हो गई है। हमले में मरने वालों में 33 बच्चें हैं। साउथ-सेंट्रल सूडान के एक किंडरगार्टन पर ये हमला किया गया। डॉक्टरों के एक ग्रुप ने ये जानकारी दी है। सूडान डॉक्टर्स नेटवर्क ने बताया है कि पहले हमले के बाद साउथ कोर्डोफन स्टेट के कलोगी शहर में मौके पर मौजूद मेडिकल टीम को दोबारा अटैक करते हुए निशाना बनाया गया।

सूडान में आम लोगों के खिलाफ हिंसा पर नजर रखने वाले राइट ग्रुप इमरजेंसी लॉयर्स ने शनिवार को अपने बयान में कहा कि कलोगी में बचे हुए लोगों का इलाज कर रहे पैरामेडिक्स पर दूसरा हमला किया गया। ग्रुप ने हमले की निंदा करते हुए पैरामिलिट्री ग्रुप रैपिड सपोर्ट फोर्स को जिम्मेदार ठहराया।

इमरजेंसी लॉयर्स ग्रुप ने कहा है कि आम लोगों, बच्चों, और इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमले इंटरनेशनल मानवीय कानून का खुला उल्लंघन है। समूह ने कहा कि गुरुवार के हमले में मृतकों की संख्या अधिक हो सकती है। इलाके में संचार व्यवस्था ठप होने के कारण हताहतों की सूचना देना मुश्किल हो गया है।

अफ्रीकी देश सूडान में गुरुवार को किया गया यह हमला अर्धसैनिक समूह रैपिड सपोर्ट फोर्से (आरएसएफ) और सूडानी सेना के बीच जारी जंग में नया घटनाक्रम है। दोनों समूह दो साल से भी ज्यादा समय से युद्धरत हैं। कई शहरों से होते हुए अब लड़ाई तेल-समृद्ध कोर्डोफन राज्य में चल रही है।

सूडान बीते तीन साल से काफी समय से गृहयुद्ध और अस्थिरता से घिरा है। इस लड़ाई ने दुनिया का सबसे बड़ा विस्थापन संकट पैदा किया है। सूडान में करीब 95 लाख लोगों को अपने घरों को छोड़ना पड़ा है। इसके चलते लाखों लोग भुखमरी और अमानवीय स्थिति का सामना कर रहे हैं।

सूडान में अप्रैल 2023 से शुरू हुए गृहयुद्ध ने देश को तबाही के कगार पर ला दिया है। सेना और RSF के बीच संघर्ष राजधानी खार्तूम समेत कई बड़े शहरों में फैल गया है। सूडान में गृहयुद्ध से अब तक 28,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इससे बड़ी आबादी के सामने मानवीय संकट है।

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