नई दिल्लीः ऐसे समय में जब दुनिया की आर्थिक रफ्तार सुस्त पड़ी हुई है, भारत की जीडीपी पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है. इस पर मुहर लगाई है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जॉर्जिवा ने. उन्होंने कहा कि जब दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाएं चुनौतियों का सामना कर रही हैं, उस समय भारत वैश्विक आर्थिक विकास में एक अहम भूमिका निभा रहा है.
वाशिंगटन में आयोजित IMF और वर्ल्ड बैंक की वार्षिक बैठक के दौरान जॉर्जिवा ने कहा कि भारत की मजबूत आर्थिक नीतियों और सुधारात्मक कदमों ने उसे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल कर दिया है.
जॉर्जिवा ने कहा कि कोरोना महामारी से पहले वैश्विक अर्थव्यवस्था के 3.7 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ने का अनुमान था, लेकिन अब यह लगभग 3 प्रतिशत तक सीमित रह गया है. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक आर्थिक रफ्तार में भारी बदलाव देखा गया है — जहां चीन की अर्थव्यवस्था में मंदी आई, वहीं भारत ने अपनी गति को और तेज किया है. उन्होंने आगे कहा कि भारत ने मजबूत सुधारों (reforms) और लगातार नीतिगत प्रयासों के दम पर संदेह करने वालों को गलत साबित किया है.
IMF के नवीनतम अनुमान के अनुसार, भारत आने वाले वर्षों में भी दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा. संस्था का कहना है कि वित्त वर्ष 2025 और 2026 में भारत की जीडीपी 6.4 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ सकती है.
IMF ने भारत के विकास दर के पूर्वानुमान में बढ़ोतरी की है. पहले अप्रैल 2025 में जारी रिपोर्ट में भारत की ग्रोथ दर क्रमशः 2025 में 6.2 प्रतिशत और 2026 में 6.3 प्रतिशत बताई गई थी. तुलना में, चीन की अर्थव्यवस्था के 2025 में 4.8 प्रतिशत और 2026 में 4.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है.