ईरान ने बनाया महाविनाशक ‘गाजा’ ड्रोन

दोहा: ईरान के ड्रोन रूस यूक्रेन में तबाही के लिए इस्तेमाल करता है। अब ईरान ने एक नया ड्रोन बनाया है, जिसका नाम ‘गाजा’ रखा गया है। वही गाजा, जिसपर इजरायल बम बरसा रहा है। ईरान का दावा है कि उसका गाजा ड्रोन 13 बम ले जा सकता है।

यह एक टर्बोजेट इंजन से लैस है जो कथित तौर पर इसे हजारों किमी से ज्यादा की दूरी तक ले जा सकता है। ईरान के इस ड्रोन ने अब इजरायल की टेंशन बढ़ा दी है। यह नया ड्रोन शहीद 129 मॉडल का अपग्रेड वर्जन है, जिसे पहली बार सितंबर 2012 में ईरान ने दुनिया के सामने रखा था।

यह इजरायल के हर्मीस 450 यूएवी की तरह दिखता है, लेकिन आकार में बड़ा है। यरूशलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक गाजा ड्रोन आठ से ज्यादा बम ले जा सकता है। यह चलते हुए और रुके हुए टार्गेट पर निशाना लगाने में सक्षम है। गाजा ड्रोन सादिद-1 मिसाइल ले जाने में सक्षम है। करार ड्रोन के बाद यह ईरान का दूसरा ड्रोन है जो इस मिसाइल को ले जा सकता है। अक्टूबर में ईरान के मिसाइल और ड्रोन निर्यात पर संयुक्त राष्ट्र का प्रतिबंध हट गया है।

प्रतिबंधों के हटने के बाद से ईरान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने शैन्य शस्त्रागार की तेजी से मार्केटिंग कर रहा है। इससे अमेरिका और उसके सहयोगियों की चिंता बढ़ गई है। ईरान लंबे समय से मध्य पूर्व में अपने सहयोगियों को समर्थन देने के लिए हथियार देता रहा है। ईरान के हथियार भी अमेरिका के साथ उसके टकराव का कारण हैं। ईरान के समर्थन वाले लड़ाकों ने जॉर्डन में ड्रोन से हमला किया था। इसमें अमेरिकी सेना के तीन सैनिकों की मौत हुई थी।

रिपोर्ट के मुताबिक ईरान ने हाल ही में रूस को कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें बेचने से जुड़ा समझौता किया है। इसके अलावा सूडानी सरकार को भी ड्रोन बेचा। सूडान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईरानी ड्रोन की अपने प्रतिस्पर्धियों से तुलना करते हुए कहा, ‘गुणवत्ता औसत दर्जे की है, लेकिन इसकी कीमत आधी है।’

कतर की राजधानी दोहा में ईरान के गाजा ड्रोन का मॉडल रखा गया। ईरान का नया ड्रोन अमेरिका के MQ-9 रीपर ड्रोन से आगे निकलने की एक कोशिश है, जिसका इस्तेमाल 2020 में कासिम सुलेमानी को खत्म करने के लिए किया गया था।

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