केमिकल और गेरुआ मिट्टी से बना ‘नया आलू’

पटना। राजधानी पटना में खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीम ने मीठापुर और मीनाबाजार मंडी में छापेमारी कर नकली व केमिकलयुक्त आलू की बड़ी खेप जब्त की है। छापेमारी के दौरान पाया गया कि पुराने आलू को गेरुआ मिट्टी और केमिकल के माध्यम से नया और चमकदार बनाकर बेचा जा रहा था, इससे उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा होने की अधिक संभावना होती है।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी अजय कुमार के नेतृत्व में हुई कार्रवाई में करीब दो ट्रक आलू जब्त कर उन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि छत्तीसगढ़ से ट्रकों द्वारा प्रतिदिन सुबह छह बजे आलू मंगाए जाते थे, इन्हें स्थानीय व्यापारी मंडी में नौ बजे तक खरीदकर विभिन्न मुहल्लों में बेचते थे।

अधिकारी ने बताया कि ये आलू सामान्य से अलग थे। तेज रासायनिक गंध, चमकदार सतह और दो दिन में खराब हो जाने जैसी विशेषताएं इनकी पहचान हैं। उन्होंने नकली आलू की पहचान को लेकर बताया कि इसमें प्राकृतिक खुशबू की जगह रासायनिक गंध आती है, काटने पर अंदर-बाहर का रंग मेल नहीं खाता, पानी में तैर सकते हैं (असली आलू डूबते हैं)।

छापेमारी की भनक मिलते ही करीब आधा दर्जन व्यापारी मौके से फरार हो गए। फिलहाल, उनकी पहचान कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। अधिकारी ने बताया कि संबंधित आलू 20-25 रुपये किलो में मंगाकर 70-75 रुपये किलो में बेचे जा रहे थे।विशेषज्ञों के अनुसार, इन नकली आलुओं में प्रयोग किए गए केमिकल्स लीवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लगातार सेवन से कब्ज, सूजन, भूख न लगना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

छापेमारी के दौरान प्रशासन ने बोरिंग रोड स्थित सान्वी कलेक्शन कैफे और राजा बाजार स्थित स्काईलाइन बिरयानी हाउस में भी औचक जांच की। नकली पनीर की आशंका में नमूने लिए गए हैं और फिलहाल पनीर व बिरयानी की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।

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