पौंग झील बनी विदेशी परिंदों के लिए मौत की झील,अब तक हो चुकी है 1500 की मौत!

धर्मशाला। सात समंदर पार से पौंग झील पंहुचने वाले प्रवासी परिंदों की अचानक हो रही मौत ने सभी को हैरत में डाल दिया है। पौंग झील के किनारे सिद्धाथा क्षेत्र में मंगलवार को प्रवासी पक्षियों की एकदम से हुई मौत से लोग सदमें में हैं। वहीं वन्य प्राणी विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान उठ रहे हैं। वन्य प्राणी विभाग भले ही प्रवासी पक्षियों की देखरेख करता है लेकिन विभाग की देखरेख के बीच भी धड़ल्ले से प्रवासी पक्षियों का शिकार हो रहा है।

पौंग झील किनारे प्रतिबंध के बावजूद की गई खेती प्रवासी पक्षियों के लिए मौत बन रही है। फसल की आड़ में दवाई डालकर प्रवासी पक्षियों को मारा जा रहा है। सैंकड़ों प्रवासी पक्षियों का एक साथ मरना भी सवालिया निशान है। पक्षी प्रेमियों का कहना है कि फसल में दवाई डालकर प्रवासी पक्षियों को मारा गया है जिसकी जांच होनी चाहिए।

हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार प्रवासी पक्षियों की मौत कैसे हुई है। उधर इस बारे में वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ राहुल रोहाणी नेे कहा कि इस घटना के बाद विभागीय टीम को मौका पर जाने का निर्देश दिया गया है।

अंतरराष्ट्रीय रामसर वेटलैंड पौंग बांध में अचानक मर रहे विदेशी परिंदों के मामले में अब जिला प्रशासन ने सोमवार को बैठक बुलाई है। बैठक सुबह 11 बजे शुरू होगी और उपायुक्त कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक में वन्य प्राणी विंग व पशुपालन विभाग के अधिकारी मौजूद रहेंगे, ताकि उपरोक्त मामले में विस्तृत चर्चा की जा सके और एहतियात के तौर पर बड़ा फैसला लिया जा सके। ताकि पौंग झील में मर रहे विदेशी परिंदों की सुरक्षा व संरक्षण की दिशा में उपयोगी कदम उठाया जा सके।

पौंग झील में 28 दिसंबर से लगातार विदेशी परिंदे मर रहे हैं और अब यह आंकड़ा भी 1500 के पार कर गया है। हालांकि एहतियात के तौर वन्य प्राणी विंग ने पौंग झील को पहले ही बंद कर दिया था, ताकि दस किलोमीटर क्षेत्र में किसी भी प्रकार की कोई गतिविधि न हो। वहीं उपायुक्त कांगड़ा के साथ-साथ उपमंडल स्तर पर एसडीएम को भी अवगत करवाया गया था, ताकि प्रशासनिक दृष्टि से भी उपयोगी कदम उठाए जा सकें।

इसी कारण अब जिला प्रशासन ने भी सोमवार को बैठक बुलाई है। अब इस बैठक में क्या फैसला लिया जाता है यह बड़ी बात होगी, क्योंकि अभी तक जालंधर, बरेली और भोपाल भेजे गए परिंदों के नमूनों की भी रिपोर्ट नहीं आई है और उसके बाद ही साफ हो पाएगा कि आखिर परिंदे कैसे मर रहे हैं। वहीं रविवार को भी पौंग झील में 318 विदेशी परिंदें मृत पाए गए हैं। ऐसे में मृत परिंदों की संख्या और बढ़ेगी।

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