नई दिल्ली: चुनाव आयोग देश में चरणबद्ध तरीके से मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का काम शुरू कर सकता है। आयोग के अधिकारियों ने बताया कि एसआईआर प्रक्रिया की शुरुआत उन राज्यों से हो सकती है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। आयोग उन राज्यों में मतदाता सूची संशोधन अभियान नहीं चलाएगा जहां स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं या हो रहे हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि चुनाव मशीनरी, निकाय चुनाव में व्यस्त है और इसके चलते वे एसआईआर पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे।
गौरतलब है कि असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन पांच राज्यों के अलावा पहले चरण में कुछ अन्य राज्यों में भी SIR की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। बिहार में एसआईआर का काम पूरा हो गया है, जहां 30 सितंबर को लगभग 7.42 करोड़ नामों वाली अंतिम सूची प्रकाशित की गई थी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को कहा कि सभी राज्यों में मतदाता सूचियों का गहन पुनरीक्षण शुरू करने का काम चल रहा है और इसे शुरू करने पर अंतिम फैसला चुनाव आयोग द्वारा लिया जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार, चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारियों ने इस महीने की शुरुआत में एक सम्मेलन में राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारियों (सीईओ) से अगले 10 से 15 दिनों में एसआईआर शुरू करने के लिए तैयार रहने को कहा था। मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने राज्यों की मतदाता सूचियों को अंतिम एसआईआर के बाद प्रकाशित रखें।
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर 2008 की मतदाता सूची है, जब राष्ट्रीय राजधानी में अंतिम बार गहन पुनरीक्षण हुआ था। उत्तराखंड में, अंतिम एसआईआर 2006 में हुआ था, और उस वर्ष की मतदाता सूची अब राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर है। अधिकांश राज्यों में मतदाता सूची की अंतिम एसआईआर 2002 और 2004 के बीच थी। एसआईआर का प्राथमिक उद्देश्य अवैध मतदाताओं के जन्म स्थान की जांच करके उन्हें मतदाता सूची से बाहर निकालना है।