सीकर: राजस्थान के प्रसिद्ध जीणमाता मंदिर में शनिवार को एक ऐसी घटना हुई, जिससे सब डर गए। मंदिर में अचानक सायरन बजने लगे। हथियारबंद कमांडो घुस गए। ‘आतंकवादी’ होने की अफवाह फैल गई। गोली जैसी आवाजें आने लगीं। मंदिर में आए श्रद्धालु डर के मारे भागने लगे। बाद में पता चला कि यह सब एक मॉक ड्रिल थी। यानी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां यह जांच कर रही थीं कि वे किसी हमले से निपटने के लिए कितने तैयार हैं।
दरअसल, शनिवार सुबह खबर आई कि दो संदिग्ध आतंकवादी जीणमाता मंदिर में घुस गए हैं। उन्होंने एक पुजारी को बंधक बना लिया है। यह खबर सुनकर पूरे इलाके में डर फैल गया। जयपुर से एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) की ईआरटी (इमरजेंसी रिस्पांस टीम) टीम तुरंत रवाना हुई।
सेना की वर्दी में 25 कमांडो हाथों में आधुनिक हथियार लेकर पहुंचे। उन्होंने सायरन बजाते हुए मंदिर में एंट्री की। मंदिर में मौजूद भक्तों को तुरंत बाहर निकाल दिया गया। थोड़ी देर के लिए भगदड़ मच गई। लोग अपनी चप्पलें और प्रसाद वहीं छोड़कर भाग गए। हर कोई डरा हुआ था। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि अचानक क्या हो गया है।
मंदिर के अंदर से धमाके और चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं। ऐसा लग रहा था जैसे किसी थ्रिलर फिल्म का क्लाइमेक्स चल रहा हो। मीडिया और स्थानीय लोगों में खबर आग की तरह फैल गई। खबर थी कि जीणमाता मंदिर में आतंकी हमला हो गया है। वहां मौजूद दुकानदार और श्रद्धालु डर गए। मंदिर में अचानक अफरा-तफरी मच गई। खबर फैली कि आतंकवादी मंदिर में घुस आए हैं।
लेकिन थोड़ी देर बाद सच्चाई सामने आई। यह सब एक मॉक ड्रिल थी। एटीएस के कमांडो आतंकवादियों को मारकर मंदिर से बाहर निकले। तब पता चला कि यह एक सुरक्षा अभ्यास था। इसे मॉक ड्रिल कहते हैं। दरअसल, इसका मकसद यह देखना था कि अगर सच में कोई ऐसी घटना हो तो पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां कितनी तैयार हैं। इस ड्रिल का नेतृत्व प्लाटून कमांडर हजारीलाल कर रहे थे। उनकी टीम ने पूरे ऑपरेशन को कुछ ही मिनटों में पूरा कर दिया। पुजारी को आतंकवादियों के चंगुल से छुड़ा लिया गया। गोलियों की आवाजें असली नहीं थीं, लेकिन डर एकदम असली था।
बता दें कि जीणमाता मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। खासकर नवरात्र में यहां बहुत बड़ा मेला लगता है। इतनी भीड़भाड़ वाली जगहों पर किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन समय-समय पर मॉक ड्रिल करते रहते हैं। इससे पहले खाटूश्यामजी मंदिर में भी ऐसी ही एक मॉक ड्रिल हो चुकी है।
मॉक ड्रिल की खबर किसी को नहीं थी। यही इसकी सफलता भी मानी गई। लेकिन जिस तरह से यह पूरी कार्रवाई हुई, उससे आम श्रद्धालु, दुकानदार और पुजारी सब डर गए। कई लोगों ने कहा कि भाई साहब, लगा अब बस कुछ सेकेंड में टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज आ जाएगी- ‘जीणमाता मंदिर पर हमला! जब प्रशासन ने बताया कि डरो मत, ये एक अभ्यास था, तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली।