गणेश चतुर्थी के शुभ दिन नए संसद भवन में शुरू

नई दिल्ली. आज से देश की संसद का कामकाज पुराने संसद भवन से नई पार्लियामेंट बिल्डिंग (New Parliament Building) में शिफ्ट हो जाएगा. इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. नए संसद भवन में जाने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पुराने संसद भवन से भारत के संविधान (Constitution of India) की एक कॉपी लेकर उसी परिसर में तैयार हुए नए संसद भवन में जाएंगे.

इसके साथ ही संसद सदस्य पैदल पीएम मोदी के पीछे चलेंगे. इस मौके पर संसद सदस्यों को संविधान की एक कॉपी, संसद से संबंधित किताबें, एक स्मारक सिक्का और एक डाक टिकट मिलेगा. एक गिफ्टबैग में सांसदों के लिए ये उपहार होंगे.

नए संसद परिसर का उद्घाटन 28 मई को पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था. आज विशेष संसद सत्र (Parliament Special Session) का दूसरा दिन नए भवन में होगा. जहां राज्यसभा की बैठक दोपहर 2.15 बजे नए संसद भवन के ऊपरी सदन कक्ष में होगी, वहीं लोकसभा की बैठक दोपहर 1.15 बजे नवनिर्मित संसद भवन के निचले सदन कक्ष में होगी.

इससे पहले पहले सुबह 9.30 बजे पुराने संसद परिसर के बाहर फोटो सेशन होगा. इसके बाद सुबह 11 बजे एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जो पुराने संसद भवन की ऐतिहासिक विरासत पर केंद्रित होगा. जिसका उद्घाटन 18 जनवरी, 1927 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने किया था. इसके साथ ही 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का संकल्प लिया जाएगा.

इस कार्यक्रम को पीएम मोदी, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी, बीजेपी नेता मेनका गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल संबोधित करेंगे.

सेंट्रल हॉल में दोपहर इस कार्यक्रम का 12.35 बजे समापन होगा. मेनका गांधी लोकसभा में सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले सांसद हैं. मनमोहन सिंह राज्यसभा में सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले सांसद हैं और शिबू सोरेन लोकसभा और राज्यसभा दोनों में सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले सांसद हैं.

नए संसद भवन में प्रवेश के बाद लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला, पीएम मोदी और कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी सदन को संबोधित करेंगे. सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने पुराने संसद भवन की ‘हर ईंट’ को शुक्रिया कहा. पीएम मोदी ने कहा कि सांसद नई आशा और विश्वास के साथ नए भवन में प्रवेश करेंगे.

उन्होंने कहा कि पुराने संसद भवन में अंतिम दिन उन 7,500 से अधिक सांसदों को समर्पित होना चाहिए जिन्होंने 1947 में भारत की आजादी के बाद से इस भवन में सेवा की है. संसद को नई इमारत में ले जाने पर पीएम मोदी ने इसे ‘अतीत को भविष्य से जोड़ने वाला’ क्षण बताया. उन्होंने कई दशकों में संसद के विभिन्न ऐतिहासिक निर्णयों और उपलब्धियों के बारे में भी बात की.

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