वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक गोपनीय बातचीत में यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की को रूस पर हमले को कहा है। उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति से सीधे पूछा है कि क्या यूक्रेन, मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग पर हमला कर सकता है, अगर अमेरिका उसे ऐसे हथियार उपलब्ध करवाए? ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियन टाइम्स ने ये सनसनीखेज खुलासा किया है, जिसमें सूत्रों के हवाले से बताया है कि ट्रंप ने जेलेंस्की से पूछा है कि क्या यूक्रेन, रूस के अंदर तक हमला कर सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 4 जुलाई को दोनों नेताओं के बीच ये बातचीत हुई है।
ट्रंप के इस सवाल पर जेलेंस्की ने कहा कि ‘बिल्कुल।’ फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच ये भड़काऊ बातचीत उस वक्त हुई थी, जब एक दिन पहले ही ट्रंप ने पुतिन से टेलीफोन पर बात की थी और इस बातचीत को ‘बुरा’ बताया। जानकारों के मुताबिक, यह सवाल ट्रंप की बढ़ती हताशा और रूस को लेकर उनके आक्रामक होते रुख को दर्शाता है।यूक्रेनी राष्ट्रपति से हुई इस बातचीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने वाइट हाउस में नाटो चीफ मार्क रुटे से मुलाकात की और फिर दोनों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी किया था। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन को एडवांस्ड एयर डिफेंस सिस्टम और दूसरे हथियारों की डिलीवरी देने की घोषणा की।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर रूस ने 50 दिनों के भीतर युद्धविराम या शांति समझौते की दिशा में कदम नहीं उठाया, तो अमेरिका उन देशों पर प्रतिबंध लगाएगा जो रूस से तेल और गैस खरीदते हैं, जिसमें चीन और भारत जैसे देश शामिल हो सकते हैं।एक्सपर्ट्स की मानें तो यूक्रेनी राष्ट्रपति को रूस के अंदरूनी इलाकों में हमला करने के लिए पूछना ट्रंप की हताशा को दिखाता है, क्योंकि यूक्रेन युद्ध रूकवाने में वो नाकाम रहे हैं। ट्रंप ने जोरशोर से यूक्रेन युद्ध रूकवाने का दावा किया था।
इस दौरान ट्रंप ने लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें यूक्रेन को देने की बात कही है और ऐसा करके वो रूस को ‘दर्द का एहसास’ करवाने और बातचीत के लिए मजबूर करने के तरीके के तौर पर देख रहे हैं। फाइनेंशियल टाइम्स से इस बातचीत को जानने वाले दो अधिकारियों ने कहा है कि ‘यूक्रेन को लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों को देना अमेरिकी अधिकारियों के बीच लोकप्रिय हो रहा है।’
लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर अमेरिका, यूक्रेन को ऐसे हथियार देता है जिससे वह रूस के अंदर गहराई तक हमला कर सके, खासकर मॉस्को जैसे शहरों को निशाना बनाए, तो इसका जवाब बेहद खतरनाक हो सकता है। जेलेंस्की रूस के अंदर हमला करने के लिए शुरू से ही उतावले रहे हैं और ऐसे में अमेरिकी समर्थन दुनिया को एक विनाशक युद्ध में धकेल सकता है।
रूस ना सिर्फ यूक्रेन के सभी बड़े शहरों पर जवाबी हमले कर सकता है, बल्कि पोलैंड या रोमानिया जैसे नाटो सहयोगियों के सैन्य अड्डों को भी निशाना बना सकता है। इस स्थिति में नाटो के आर्टिकल 5 के तहत रूस के खिलाफ नाटो देशों के हमले को लेकर गंभीर बहस छिड़ सकती है। ट्रंप ने कहा है कि यूक्रेन को अरबों डॉलर के हथियार दिए जाएंगे।
इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि “हम अत्याधुनिक हथियार बनाएंगे और उन्हें नाटो को भेजा जाएगा।” उन्होंने आगे कहा कि वाशिंगटन के नाटो सहयोगी इन हथियारों का भुगतान करेंगे। इन हथियारों में पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम भी शामिल होंगे, ताकि यूक्रेन को रूस के जवाबी हमले से बचाया जासके। ट्रंप ने कहा, “यह बैटरियों के साथ पूरी तरह से सुसज्जित है।”
रूस के खिलाफ भीषण हमले में अमेरिका अगर सीधे तौर पर यूक्रेन की मदद करता है तो इसमें कोई शक नहीं कि युद्ध विनाशक स्तर तक पहुंच सकता है। रूस कई बार कह चुका है कि रूस नहीं रहेगा तो पृथ्वी भी नहीं रहेगी। रूस के हथियार भंडार में विनाशक मिसाइलों की कोई कमी नहीं है।
वहीं रूस, धमकाने के लिए अपने परमाणु हथियारों की तैनाती शुरू कर सकता है, जिससे नाटो देशों में भी रूस के खिलाफ हमले में शामिल होना या नहीं होने को लेकर विभाजन शुरू हो जाएगा। इसके अलावा एक्सपर्ट्स इस बात की आशंका जता रहे हैं कि अगर अमेरिका और रूस के बीच टकराव शुरू हुआ तो चीन के पास ताइवान पर हमला करने का शानदार मौका होगा, क्योंकि अमेरिका के लिए टू फ्रंट युद्ध लड़ना असंभव है।