काबुल: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बगराम सैन्य अड्डे को लेकर दिए गए बयान के बाद तालिबान में हाहाकार मचा हुआ है। तालिबान के शीर्ष नेता लगातार काबुल से कंधार तक का दौरा कर रहे हैं। कंधार में ही तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा रहता है। बताया जा रहा है कि काबुल का शीर्ष तालिबान नेतृत्व ट्रंप के बयान पर राय-मशविरा करने और अपनी रणनीति को तक करने के लिए कंधार आ रहे हैं। ट्रंप ने कहा है कि उनका प्रशासन बगराम पर कब्जे के लिए तालिबान से बातचीत कर रहा है। हालांकि, तालिबान प्रशासन के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
अमू टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप की टिप्पणी के बाद से, ज्यादातर तालिबान कैबिनेट मंत्री अपने सर्वोच्च नेता से मिलने कंधार गए हैं। उन्होंने बताया कि इस चर्चा में रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद की कतर यात्रा भी शामिल थी, जहां कतर के अधिकारियों ने बगराम के संबंध में वाशिंगटन के अनुरोध को उठाया था। सूत्रों के अनुसार, बैठकों में तालिबान नेताओं को बताया गया कि दोहा समझौते के तहत, अमेरिका तालिबान की भागीदारी के साथ आतंकवाद विरोधी अभियानों में अफगान क्षेत्र का उपयोग कर सकता है।
हालांकि, सूत्रों ने बताया कि तालिबान नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने अफगानिस्तान में किसी भी अमेरिकी सैन्य उपस्थिति को अस्वीकार कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ राजनीतिक जुड़ाव की आवश्यकता पर जोर दिया। सूत्रों ने आगे बताया कि बैठकों के दौरान, कुछ लोगों ने चेतावनी दी कि अगर तालिबान, वाशिंगटन के साथ बातचीत करने से इनकार करता है, तो तनाव बढ़ने के बाद अमेरिका अफगानिस्तान वापस लौट सकता है। तालिबान नेताओं ने जवाब दिया कि वे इस तरह के किसी भी कदम का विरोध करेंगे।
रिपोर्ट में कंधार के स्थानीय सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि हाल के दिनों में कुछ निचले स्तर के तालिबान सदस्यों में मनोबल में गिरावट के संकेत मिले हैं। कई कमांडर देश छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। उन्हें डर है कि अमेरिका के फिर से आने के बाद अफगानिस्तान में नए सिरे से युद्ध छिड़ सकता है।