दो साइबर ठग दिल्ली से गिरफ्तार

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने की मंशा पर साइबर ठग पानी फेर रहे हैं। साइबर धोखाधड़ी के कारण होने वाले नुकसान से ऑनलाइन लेनदेन प्लेटफार्मों पर लोगों का भरोसा कम होता जा रहा है, जो डिजिटल इंडिया की आकांक्षाओं के खिलाफ है। ऐसे कई मामलों का खुलासा साइबर क्राइम पुलिस देहरादून ने किया है। शनिवार को भी बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने दो साइबर ठगों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। ठगों ने फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश कर लाभ कमाने के नाम पर 6.33 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी के विजन सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण के अंतर्गत पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अभिनव कुमार के निर्देशन में साइबर धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुए पीड़ितों को न्याय दिलाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व देहरादून निवासी शिकायतकर्ता फेसबुक माध्यम से एक व्हाट्सएप ग्रुप ‘टी रोवे प्राइस स्टॉक पुल अप ग्रुप ए82’ में एड हुआ, जहां स्टॉक ट्रेडिंग के बारे में जानकारी दी जा रही थी। इसके बाद अज्ञात व्यक्तियों ने शिकायतकर्ता से संपर्क कर स्वयं को इंदिरा सिक्योरीटिज कंपनी से बताकर ट्रेडिंग के लिए उसका खाता खुलवाया, फिर अन्य व्हाट्सएप ग्रुप ‘इंदिरा कस्टमर केयर- ए303’ में एड कर एप डाउनलोड करने के लिए लिंक दिया और स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश कर लाभ कमाने के नाम पर शिकायतकर्ता से भिन्न-भिन्न तिथियों में लेन-देन के माध्यम से कुल 80 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली।

शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून पर अज्ञात के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। प्रकरण के अनावरण के लिए पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम गठित किया गया और इसकी विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक विकास भारद्वाज के सुपुर्द की गई।

विवेचना में पूर्व में प्रकाश में आया था कि जिन मोबाइल नंबरों से व्हाट्सएप कॉलिंग की गई थी, वह मुदस्सिर मिर्जा पुत्र जुबैर मिर्जा निवासी तुर्कमान गेट चांदनी महल दिल्ली के थे जिसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया था और उसके कब्जे से लगभग 3000 सिम बरामद हुए थे। कोरपोरेट आईड़ी के नाम पर बिजनेस मार्केटिंग करने के लिए वह हजारों सिम निकवाया था।

पुलिस टीम ने शनिवार को उसके दो अन्य साथियों दीपक अग्रवाल (47) पुत्र स्व. घनश्याम अग्रवाल निवासी अम्बेडकर गली विश्वास नगर दिल्ली व गौरव गुप्ता (35) पुत्र स्व. राजेंद्र गुप्ता निवासी सकरपुर दिल्ली को आईटीओ दिल्ली से गिरफ्तार किया। साथ ही दो लैपटॉप, चार मोबाइल, एक सीपीयू, पांच अलग-अलग बैकों के डेबिड कार्ड, एक एसबीआई वीजा कार्ड, एक चेकबुक, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, पहचान पत्र, तीन गाड़ी की आरसी, सिम कार्ड भी बरामद किए गए।

गिरफ्तार आरोपितों ने बताया कि वे सभी फर्जी सोल प्रॉपराइटरशिप, जीएसटी फार्मों का पंजीकरण, इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोड बनाया जाना एवं उद्यम आधार आदि दस्तावेजों के माध्यम से विभिन्न बैंकों में करेंट अकाउंट खुलवाते हैं और साइबर धोखाधड़ी कर अलग-अलग बैंक खातों में धनराशि स्थानांतरित करके निकाल लेते हैं। आरोपितों ने आईडीएफसी (IDFC bank) व इंडसएंड (IndusInd) बैंक में खाते खोले हैं। अब बैंक पर भी भौतिक केवाइसी वेरिफिकेशन आदि पर एक प्रश्न उठ रहा है।

गिरफ्तार आरोपित दीपक अग्रवाल पूर्व में भी गुड़गांव में एक जीएसटी प्रकरण में जेल जा चुका है। प्रकाश में आए आरोपितों के बैंक खातों पर देश भर में कुल 38 शिकायतें हैं। ये शिकायतें बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, तेलंगाना में हैं।

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