इजरायल के आगे नहीं करेंगे सरेंडर !

तेलअवीव: गाजा युद्ध के जल्‍द खत्‍म होने की उम्‍मीद अब कम ही नजर आ रही है। हमास ने सीजफायर के प्रस्‍ताव को खारिज कर दिया है जिसमें गाजा के सभी हथियारबंद गुटों से कहा गया था कि वे सरेंडर कर दें। हमास ने यह भी आरोप लगाया कि इजरायल के पीएम नेतन्‍याहू शांति प्रयासों और 18 महीने से चले आ रहे युद्ध को खत्‍म करने में बाधा डाल रहे हैं।

हमास के अधिकारी सामी अबू जुहरी ने सोमवार को कहा कि उनका समूह लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए सभी प्रस्‍तावों पर बातचीत के लिए तैयार है। लेकिन इजरायल ने जो ताजा प्रस्‍ताव दिया है और फलस्‍तीनी लोगों से उसे मानने के लिए कहा, वह ‘सरेंडर’ करने के लिए है। इस बीच इजरायल को अमेरिका ने भी करोड़ों डॉलर के नए हथियार भेजे हैं और इजरायल बड़ी सैन्‍य कार्रवाई करने जा रहा है।

अबू जुहरी ने कहा, ‘नेतन्‍याहू सीजफायर समझौते में बाधा डालने के लिए असंभव वाली शर्तें रख रहे हैं।’ उसने कहा कि इजरायल अपने ताजा प्रस्‍ताव में यह वादा नहीं कर रहा है कि वह हमले पूरी तरह से बंद कर देगा। इजरायल केवल यह चाहता है कि उसे बंधक वापस मिल जाएं। हम सभी जिंदा और मरे हुए बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार हैं लेकिन यह तब होगा जब युद्ध को खत्‍म कर दिया जाएगा और गाजा से इजरायली सेना वापस लौट जाएगी।’

हमास के प्रवक्‍ता ने कहा कि हमास आंदोलन के लिए सरेंडर विकल्‍प नहीं है और हम लोगों की इच्‍छा को तोड़ने को स्‍वीकार नहीं करेंगे। हमास सरेंडर नहीं करेगा, हम हार नहीं मानेंगे और हमला करने वाली ताकत के खिलाफ सभी तरह के दबाव के तरीके अपनाएंगे। इजरायल के ताजा प्रस्‍ताव में 45 दिन की शांति की बात कही गई है। इसमें सभी बंधकों को रिहा करने के लिए कहा गया है। इसके बदले में इजरायल गाजा के अंदर खाना और सहायता जाने देगा।

इस बीच इजरायल की मोसाद खुफिया एजेंसी के 250 से अधिक पूर्व अधिकारियों ने सरकार से गाजा पट्टी में युद्ध को तुरंत समाप्त करने की अपील की। इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले कान टीवी न्यूज के मुताबिक पूर्व अधिकारियों ने सरकार को पत्र लिखकर यह मांग की। रिपोर्ट के अनुसार, हस्ताक्षरकर्ताओं में मोसाद के तीन पूर्व प्रमुख डैनी याटोम, एफ्रेम हेलेवी और तामीर पार्डो के साथ-साथ दर्जनों अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं।

मोसाद के पूर्व सदस्यों ने कहा, ‘लगातार लड़ाई बंधकों और हमारे सैनिकों के जीवन को खतरे में डाल रही है। इस पीड़ा को समाप्त करने वाले समझौते तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। हम सरकार से साहसी फैसला लेने और देश की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी से काम करने की अपील करते हैं।’ उन्होंने उन सैकड़ों सैन्य कर्मियों, (चाहे वे रिजर्व में हों या रिटायरमेंट), के प्रति समर्थन व्यक्त किया जिन्होंने इसी तरह के पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। पत्र में युद्ध समाप्त करने और बंधकों की वापसी की अपील की गई थी।

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