ऋषिकेश : पितर पक्ष के बीते चार दिनों में प्रतिदिन 25 हजार से अधिक तीर्थ यात्री चारों धाम दर्शनों को पहुंचे हैं। चार दिनों में पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों की कुल संख्या एक लाख 15 हजार 707 है। जबकि, इस यात्राकाल में अब तक 33 लाख 16 हजार 922 तीर्थ यात्री चारों धाम में दर्शन कर चुके हैं।
पितर पक्ष के दौरान बदरीनाथ धाम स्थित ब्रह्मकपाल तीर्थ तर्पण एवं पिंडदान का विशेष महत्व माना गया है। यही वजह पितर पक्ष में यात्रा ने फिर गति पकड़ ली है।यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में भी तीर्थ यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां होटल, धर्मशाला और अन्न क्षेत्र में एक बार फिर से यात्रियों की चहल-पहल नजर आने लगी है। इस वर्ष तीन मई को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा शुरू हुई थी।
छह मई को केदारनाथ व आठ मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ तो देशभर से आस्था का सैलाब उमड़ने लगा। इसे देखते हुए प्रशासन को धामों में दर्शन के लिए स्लाट व्यवस्था लागू करनी पड़ी। हालांकि, इससे हुई अव्यवस्था के चलते कई तीर्थ यात्रियों को तो बिना दर्शनों के ही वापस लौटना पड़ा।
यात्रा का यह चरम काल जून आखिर तक रहा। इसके बाद जुलाई मध्य से अगस्त मध्य तक वर्षाकाल के चलते प्रतिदिन कुल तीर्थ यात्रियों की संख्या पांच हजार तक सिमट गई। अब वर्षाकाल के बाद तीर्थ यात्रियों की संख्या फिर बढ़ने लगी है। विशेषकर पितर पक्ष के दौरान इसमें जोरदार उछाल आया है। पितर पक्ष के बीते चार दिनों में तीर्थ यात्रियों दैनिक संख्या 25 हजार से अधिक पहुंच गई।
तिथि, यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बदरीनाथ, कुल योग
10 सितंबर, 3550, 3397, 9067, 9282, 25296
11 सितंबर, 2931, 3668, 9928, 9220, 25747
12 सितंबर, 3487, 3923, 12068, 10373, 29852
13 सितंबर, 6071, 4750, 13234, 10759, 34814
(स्रोत: चारधाम यात्रा प्रशासन संगठन)
पितर पक्ष में यात्रा के गति पकड़ने के बाद ऋषिकेश से प्रतिदिन 35 से 40 बस चारधाम रवाना हो रही हैं। वर्षा काल में जहां यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड पर बसों की लंबी कतार लगी हुई थी, वहीं अब टर्मिनल पार्किंग खाली नजर आ रही है।
हालांकि, परिवहन व्यवसायियों का कहना है कि फिलहाल यात्रा वाहनों की कोई कमी नहीं है, लेकिन आने वाले दिनों में वाहनों का टोटा पड़ सकता है। एआरटीओ प्रवर्तन मोहित कोठारी ने बताया कि फिलहाल टू बाई टू बसों की अधिक मांग है। कोशिश रहेगी कि चारधाम यात्रा के साथ लोकल रूट पर भी बसों का संचालन निर्बाध रहे।