चंडीगढ़। प्रशासन के एडवाइजर आफिस की कार्यप्रणाली पूरी तरह से बदल गई है। अब यहां कोई फाइल फिजिकल तौर पर नहीं आएगी। केवल ई-फाइल ही आएगी। अगर कोई फाइल फिजिकल तौर पर आती है तो उसे वापस लौटा दिया जाएगा। यह नई कार्यप्रणाली ई-आफिस माड्यूल के तहत शुरू हुई है। अब इसी के तहत सभी काम होंगे।
कई दूसरे डिपार्टमेंट ने भी ई-आफिस का काम पूरा कर लिया है। यह सभी भी इसके बाद फिजिकल फाइल आगे नहीं भेजेंगे और न ही रिसीव करेंगे। चंडीगढ़ प्रशासन में मैनुअल की बजाए ई-आफिस सिस्टम पर युद्धस्तर से काम चल रहा है।
अब विजिलेंस सेक्रेटरी यशपाल गर्ग ने स्पष्ट कर दिया है कि 30 नवंबर तक सभी फाइलों को ई-आफिस सिस्टम में एंटर करना है। इसके बाद कोई फाइल बचेगी तो वह एंटर नहीं की जा सकेगी। ऐसा करने के लिए अगर शनिवार और रविवार को भी आफिस खोलने पड़ेंगे तो खोले जाएंगे।
माना जा रहा है कि इस शनिवार और रविवार को उन डिपार्टमेंट, बोर्ड और कारपोरेशन के स्टाफ को आफिस आना पड़ेगा जो ई-आफिस माड्यूल पर फाइल को एंटर नहीं कर पाएंगे। इस बीच बताया गया कि एडवाइजर आफिस ने 21 नवंबर तक अपनी सभी फाइलों को ई-आफिस माड्यूल में एंटर कर दिया है। अब अगर एडवाइजर आफिस कोई भी फाइल फिजिकल रूप में भेजी जाती है तो उसे वापस लौटा दिया जाएगा। सभी सेक्रेटरी आफिस को यह जानकारी दे दी गई है।
ई-माड्यूल पर पूरी तरह से शिफ्ट होने के लिए 30 नवंबर की समय सीमा निर्धारित की गई है। पहली दिसंबर से केवल ई-आफिस पर ही काम होगा। फिजिकल रूप से फाइलों का चलन पूरी तरह से बंद होगा। दो ट्रेनिंग सेशन पूरे हो चुके हैं। अगला सेशन एनआइसी 25 नवंबर को आयोजित करेगा।