‘खाली’ हुआ अमेरिका का तोपखाना

वॉशिंगटन: रूस-यूक्रेन के युद्ध में सबसे ज्यादा फायदा उन देशों को हुआ है, जो हथियार बनाते हैं। युद्ध का फायदा तुर्की को सीधे तौर पर होता दिख रहा है। तुर्की अब अमेरिका को भी हथियारों की सप्लाई कर रहा है। अमेरिका तोपखानों के गोले के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए तुर्की से विस्फोटकों की खरीद बढ़ाने को लेकर बातचीत कर रहा है। अमेरिका यूक्रेन के लिए तोप के गोले चाहता है। पश्चिमी देशों की ओर से यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई की जा रही है। तुर्की अमेरिका के लिए तोपखाने के गोले का सबसे पड़ा सप्लायर बनने की ओर बढ़ रहा है।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि ट्रिनिट्रोटोलुइन जिसे टीएनटी के नाम से जाना जाता है और नाइट्रोगुआनिडाइन जो एक प्रोपेलेंट के रूप में इस्तेमाल होता है, उसकी सप्लाई तुर्की करेगा। नाटो के मानक वाले 155 मिमी कैलिबर के गोला-बारूद उत्पादन में यह महत्वपूर्ण होगा। उत्पादन को संभावित रूप से तीन गुना बढ़ाने के लिए यह जरूरी है। तुर्की इस साल की शुरुआत में ही अमेरिका को तोप के गोले बेचने वाला सबसे बड़ा विक्रेता बनने की राह पर है।

यूक्रेन में युद्ध दो साल से चल रहा है। इस कारण वैश्विक गोला-बारूद की मांग बढ़ी है। पश्चिमी सहयोगी यूक्रेन को आपूर्ति देने में लगे हैं, चाहे उनका खुद का स्टॉक खत्म होता जा रहा हो। अधिकारियों का कहना है कि मांग में बढ़ोतरी के कारण दुनिया भर के ऑर्डर में बैकलॉग हो गया है।

डिफेंस सप्लाई चेन इस समय टीएनटी जैसी चीजों को लेकर दबाव में हैं। तुर्की के साथ समझौता नाटो सहयोगियों के बीच एक नाजुक संतुलन को भी दिखाता है। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन 9 मई को वाइट हाउस जाएंगे। राष्ट्रपति बाइडेन के ऑफिस संभालने के बाद यह उनकी पहली यात्रा होगी।

एर्दोगन की यात्रा अमेरिका और तुर्की के बीच बढ़ते सैन्य संबंधों को भी दिखाईगी। इस साल स्वीडन को नाटो में शामिल होने की तुर्की ने मंजूरी दी है। इस मंजूरी के बाद अमेरिका तुर्की को एफ-16 फाइटर जेट, मिसाइलों और बमों की बिक्री करने को तैयार हुआ। यह डील 23 बिलियन डॉलर की होगी।

फरवरी के अंत में पेंटागन ने कहा था कि उसने टेक्सस में तीन 155 मिमी गोले के हिस्सों को बनाने के लिए जनरल डायनेमिक्स ऑर्डनेंस सिस्टम को कॉन्ट्रैक्ट दिया है। इसमें तुर्की की एक कंपनी भी शामिल है। जून में यह प्लांट प्रोडक्शन करने लगेगा।

तुर्की की रक्षा फर्म रेप्कोन को उम्मीद है कि 2025 तक वह अमेरिका के सभी 155 मिमी गोले का लगभग 30 फीसदी का उत्पादन करेगा। अमेरिका ने इस साल डिलीवरी के लिए तुरकी के अरका डिफेंस से युद्ध के लिए 116,000 राउंड गोले खरीदे हैं।

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