‘पाताल’ में समा रही ब्रिंगी नदी की जलधारा

श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में बहने वाली ब्रिंगी नदी की जलधारा अचानक रुक गई है। इसका पानी ‘पाताल’ में समा रहा है। इसका कारण नदी का स्रोत समाप्त होना नहीं, बल्कि एक गहरा गड्ढा (सिंकहोल) बनना है जिसमें सारा पानी समा जा रहा है।

नदी का करीब 20 किमी लंबा हिस्सा सूखने से बड़ी संख्या में ट्राउट मछलियां भी मर गई हैं। मत्स्य पालन विभाग ने ट्राउट केंद्र इसके पास ही स्थापित कर रखा है। लोग गड्ढा देखने जमा हो रहे हैं।

प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 144 लागू करने के साथ मीडियाकर्मियों को भी दूर रहने की सलाह दी है। प्रशासन ने नदी के आसपास क्षेत्र में जमीन धंसने की आशंका जताई है। वहीं भूविज्ञानी शोध में जुट गए हैं।

वंदिवालगाम के पास चार दिन पहले नदी में गड्ढा बना है। पानी लगातार इसमें जा रहा है। इससे नदी का निचला हिस्सा सूख गया है। इससे बड़ी संख्या में ट्राउट मछलियां भी मर गई हैं। लोगों में भय पैदा हो गया है।

बाढ़ नियंत्रण विभाग और जल शक्ति विभाग के अधिकारी और विशेषज्ञ गड्ढे के मुहाने का पता लगाने और नदी के पानी का रुख मोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली है। बताया जाता है कि गड्ढे की गहराई 12 फीट और इसका व्यास करीब 10 फीट है।

इसमें गिरने वाले पानी का शोर करीब 200 मीटर की दूरी पर सुना जा सकता है। ब्रिंगी नदी कश्मीर में झेलम की सहायक नदी है। यह कोकरनाग इलाके में बहती है। इसे टाउट मछलियों का घर भी कहा जाता है। इसके निचले हिस्से में ट्राउट मछलियां पाई जाती हैं।

1995 में भी बना था गड्ढा : विशेषज्ञों ने बताया कि बिंग्री नदी में इससे पूर्व 1995 में भी मौजूदा जगह से कुछ दूरी पर इस तरह का गड्ढा बना था। उसमें समाने वाला पानी करीब 20 किलोमीटर दूर अच्छाबल में एक चश्मे के रास्ते बाहर निकला था।

बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, इन दिनों ब्रिंगी नदी में जलस्तर और उसका प्रवाह बहुत कम होता है,क्योंकि उसके जलस्नोत जमे रहते हैं। अगर यह गड्ढा अप्रैल-मई के दौरान बनता तो बहुत ज्यादा पानी इसमें जाता और आसपास के इलाके में भी खतरा रहता है।

जिला प्रशासन ने पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी है। स्थानीय लोगों और मीडियाकर्मियों को प्रशासन ने सलाह दी है कि वे गड्ढे के पास न जाएं। अगर भीड़ हुई तो जमीन किसी भी समय धंस सकती है और भारी नुकसान हो सकता है।

जलधारा का रुख मोड़ने में जुटे विशेषज्ञ : भूविज्ञान और खनन विभाग के अधिकारियों ने बताया की ब्रिंगी नदी में जिस जगह यह गड्ढा बना है,वहां चूना पत्थर की चट्टाने होंगी जो अब समाप्त हो गई होंगी। सारा पानी इसमें जा रहा है।

यह कितना बड़ा है,अभी पूरी तरह पता नहीं चला है। इसका दूसरा सिरा कहां है, यह भी जांच का विषय है। पानी का रुख मोड़ने के बाद इसे रेत, मिट्टी और पत्थरों से भरा जाएगा।

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