प्रधानाचार्याें हेतु लीडरशिप पर एक माह का कोर्स का समापन

देहरादूनः राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के आलोक में राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान-नीपा नई दिल्ली में स्थित विद्यालय नेतृत्व केंद्र के द्वारा सीमैट उत्तराखंड में लीडरशिप अकादमी की स्थापना की गई है।

लीडरशिप अकादमी के द्वारा नीपा दिल्ली द्वारा तैयार पाठ्यचर्या के आधार पर जनवरी 2024 में विद्यालय शिक्षा के अंतर्गत संचालित प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्यों हेतु विद्यालय नेतृत्व विकास एवं प्रबंधन पर, एक माह का सर्टिफिकेट कोर्स का आयोजन किया गया।

यह कोर्स लीडरशिप के 7 विभिन्न मुख्य एरिया पर आयोजित किया गया। विद्यालय नेतृत्व का दृष्टिकोण, शिक्षण अधिगम प्रक्रिया का रूपांतरण, दल बनाना और दल का नेतृत्व करना, साझेदारियों का नेतृत्व एवं विद्यालय विकास एवं प्रबंधन।

एक माह के इस कोर्स में राज्य के 29 प्रधानाचार्यों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया। इस कोर्स में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालय, स्वयंसेवी संस्थाआंे,ं विभागीय अधिकारी, सीमैट संकाय-सदस्य, एससीईआरटी, डाइट, स्काउट गाइड प्रशिक्षक, आवासीय विद्यालय प्रधानाचार्य, सेवानिवृत्त अधिकारी, प्रोफैसर, विभिन्न व्यावसायिक विश्वविद्यालय के 45 से अधिक संदर्भ व्यक्तियों का सहयोग लिया गया।

लीडरशिप प्रशिक्षण हेतु विचार-विमर्श, पावर-प्वाइंट प्रेजेंटेशन, रोल प्ल,े विभिन्न, गतिविधि, स्काउट गाइड की जंगल आधारित लीडरशिप गतिविधि इत्यादि प्रशिक्षण विधियों का प्रयोग किया गया। प्रधानाचार्याें द्वारा प्रशिक्षण उपरांत अपने विद्यालयों की आपश्यकताओं के अनुसार आगामी वर्ष में कार्य करने हेतु, अपने प्रोजेक्ट तैयार कर सीमैट में जमा किए गये हैं। जिनका समय-समय पर सीमैट द्वारा अनुश्रवण किया जायेगा।

कार्यक्रम समापन के अवसर पर निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण श्रीमती वंदना गर्ब्याल द्वारा प्रधानाचार्यों को छात्र हित में लीडरशिप क्षमताओं व टीम भावना के साथ सच्चे मन एवं संकल्पबद्ध होकर विद्यालयों के रूपांतरण हेतु काम करने को कहा गया। अपर निदेशक अजय नौडियाल द्वारा विद्यालय को समाज में बदलाव लाने हेतु सबसे महत्वपूर्ण इकाई बताया गया, जिसमें एक संस्था-अध्यक्ष काम करते हुए रचनात्मक समाज का निर्माण कर सकता है।

इस अवसर पर सीमैट संकाय सदस्य डॉ विनोद ध्यानी, डॉ जगमोहन सिंह बिष्ट, डॉ मोहन बिष्ट, डॉक्टर मदन मोहन उनियाल, निशांत वशिष्ठ पूनम सिमरत कौशलेंद्र अमर शालिनी आदि संदर्भ व्यक्ति उपस्थित रहे। अन्य सदस्यों में रघुवीर बिष्ट, विनीत त्रिपाठी सुनील पुरोहित, राजेन्द्र बडोला, सौम्य ढौंडियाल आदि उपस्थित थे। संचालन डॉ विनोद ध्यानी ने किया।

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